Move to Jagran APP

सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा होगी या लगेगी रोक, झारखंड हाईकोर्ट का फैसला आज

JPSC MAIN EXAM झारखंड हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख ल‍िया है। सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा होगी या लगेगी रोक इस पर अदालत मंगलवार को फैसला सुनाएगी। प्रार्थी ने गलत माडल उत्तर का दिया है हवाला। 28 जनवरी 2022 से होनी है मुख्य परीक्षा।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 09:07 AM (IST)
सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा होगी या लगेगी रोक, झारखंड हाईकोर्ट का फैसला आज
सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा होगी या लगेगी रोक, झारखंड हाईकोर्ट का फैसला मंगलवार को

रांची, राज्य ब्यूरो। सातवीं जेपीएससी (झारखंड लोक सेवा आयोग) की मुख्य परीक्षा पर रोक लगेगी या नहीं, इस पर झारखंड हाई कोर्ट मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी। सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने 18 जनवरी 2022 को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

prime article banner

मुख्य परीक्षा 28 जनवरी 2022 से होनी है

सातवीं जेपीएससी (झारखंड लोक सेवा आयोग) की मुख्य परीक्षा 28 जनवरी 2022 से होनी है। अब सभी की निगाहें हाई कोर्ट पर होंगी। बड़ी संख्‍या में झारखंड के आवेदक इस परीक्षा में भाग लेने वाले हैं। उन्‍होंने परीक्षा की तैयारी कर रखी है। सबकी नजर अदालत के फैसले पर ट‍िकी है।

मुख्य परीक्षा पर रोक को लेकर अपील भी दाखिल

बता दें कि इससे पहले मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने को लेकर खंडपीठ में अपील भी दाखिल की गई थी। 13 जनवरी 2022 को सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मुख्य परीक्षा की तिथि 28 जनवरी 2022 से पहले एकलपीठ को इस मामले में आदेश पारित करने का निर्देश दिया था।

प्रार्थी शेखर सुमन ने याचिका दाखिल की है

इसके बाद एकलपीठ ने सुनवाई पूरी कर ली है। इसको लेकर प्रार्थी शेखर सुमन ने याचिका दाखिल की है। उनके अधिवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि जेपीएससी की ओर से गलत माडल आंसर के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया है।

तर्क- जेपीएससी ने इस पर आपत्ति मांगी थी

जेपीएससी ने इस पर आपत्ति मांगी थी। पेपर वन के छह और पेपर दो का दो माडल आंसर गलत हैं, इसलिए स्वतंत्र एक्सपर्ट कमेटी का गठन करते हुए इन माडल उत्तर पर परामर्श लिया जाए। तब तक मुख्य परीक्षा पर रोक लगाई जाए।

कमेटी की अनुमति के बाद परिमाण जारी किया गया

जेपीएससी का कहना था कि अभ्यर्थियों की आपत्ति एक्सपर्ट कमेटी के पास भेजा गई थी। कमेटी की अनुमति के बाद परिमाण जारी किया गया है। इसके बाद भी अगर किसी प्रकार की गलती की कोई संभावना होती भी है तो नियमानुसार इसका लाभ परीक्षा लेने वाले (जेपीएससी) को मिलता है, न कि अभ्यर्थी को मिलेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.