जेपीएससी पर नकेल कसने को नियमावली बना रही सरकार
आयोग हर परीक्षा में पिछली परीक्षा के नियमों को बदल देता है और इस कारण परीक्षा की घोषणा के साथ ही मुकदमों की बौछार हो जाती है। परिणाम के बाद भी यह सिलसिला जारी रहता है।
राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड लोकसेवा आयोग (जेपीएससी) मुकदमों की ढेर पर बैठी एक स्वायत्त संस्था है, लेकिन इसकी असफलता से सरकार को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आयोग हर परीक्षा में पिछली परीक्षा के नियमों को बदल देता है और इस कारण परीक्षा की घोषणा के साथ ही मुकदमों की बौछार हो जाती है। परिणाम के बाद भी यह सिलसिला जारी रहता है। इससे निजात पाने के लिए सातवीं जेपीएससी के पहले सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई है, जो तमाम प्रावधानों पर विचार कर ऐसी व्यवस्था देगी जिससे समस्याएं कम से कम हों। अब कमेटी ने परीक्षा संचालन नियमावली बनाने का निर्देश दिया है, जिसमें पूरी पारदर्शिता से परीक्षा संचालन की व्यवस्था हो।
विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी में वित्त एवं कार्मिक सचिव भी सदस्य हैं। कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं और इसी के बाद कार्मिक विभाग को परीक्षा संचालन नियमावली बनाने का निर्देश दिया गया है। इस नियमावली का मकसद मुकदमों की संख्या को कम करना है। सूत्रों के अनुसार झारखंड संयुक्त असैनिक प्रतियोगिता परीक्षा नियमावली में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के नियमों की झलक मिल सकती है। यूपीएससी परीक्षा के लिए निर्धारित कई नियमों को शामिल करते हुए नई नियमावली बनेगी। इसके माध्यम से प्रारंभिक परीक्षा से लेकर मुख्य परीक्षा तक का संचालन होगा, जिसके बाद परिणाम भी सामने आएगा। नियमावली इसी महीने में पूरा कर लेने की योजना है। नियमावली में आरक्षण जैसे मुद्दों पर भी पूरी स्पष्टता होगी ताकि पहले जैसी गलतियां बंद हो जाएं। बहरहाल, सातवीं जेपीएएससी परीक्षा के पहले सरकार पूरी व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद में है। सूत्रों की मानें तो कहीं ना कहीं सरकार के पास यह संदेश है कि परीक्षा की गड़बड़ियां रोके बिना जेपीएससी का उद्धार संभव नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर ही यह कमेटी बनी है, जिसकी अनुशंसाओं के उपरांत परीक्षा का आयोजन होगा।
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