जेपीएससी मुख्य परीक्षा होगी या नहीं, झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित
JPSC सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर आज मगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। अदालत की खंडपीठ ने मुख्य परीक्षा से पहले एकल पीठ में सुनवाई का दिया था निर्देश। प्रार्थी शेखर सुमन ने गलत मॉडल उत्तर का दिया है हवाला।

रांची, राज्य ब्यूरो। सातवीं जेपीएससी को लेकर मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में अदालत अपना फैसला 25 जनवरी 2022 को सुनाएगी।
28 जनवरी 2022 से होनी है जेपीएससी की मुख्य परीक्षा
28 जनवरी 2022 से सातवीं जेपीएससी की मुख्य परीक्षा होनी है। इस संबंध में शेखर सुमन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता राजेश कुमार की ओर से कहा गया कि आठ प्रश्नों का मॉडल आंसर गलत है, इसलिए एक स्वतंत्र एक्सपर्ट कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई जाए। उसके बाद प्रारंभिक परीक्षा को रद करते हुए संशोधत परिणाम जारी किया जाए।
जेपीएससी के वकील ने कहा- कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए
इस दौरान जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि अगर कुछ मॉडल आंसर गलत भी हो जाते हैं, तो यह सभी के लिए होगा, न कि सिर्फ एक अभ्यर्थी के लिए। इसलिए इस मामले में कोर्ट को कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
जेपीएससी ने पहले ही घोषित कर रखा है कार्यक्रम
मालूम हो कि सातवीं जेपीएससी (झारखंड लोक सेवा आयोग) की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से की मांग वाली याचिका पर मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। इधर, जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा की तिथि और कार्यक्रम की घोषणा कर दी है।
एकल पीठ ने सुनवाई की तिथि निर्धारित की
प्रार्थी शेखर सुमन ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने को लेकर अपील भी दाखिल की गई थी। 13 जनवरी 2022 को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने कहा कि वह प्रार्थी को कोई अंतरिम राहत नहीं दे सकता है, क्योंकि यह मामला अभी एकल पीठ के यहां सुनवाई के लिए लंबित है। अदालत ने मुख्य परीक्षा की तिथि 28 जनवरी 2022 से पहले एकल पीठ को इस मामले में आदेश पारित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद एकल पीठ ने उक्त मामले पर सुनवाई की तिथि निर्धारित की थी।
गलत माडल आंसर पर रिजल्ट घोषित करने का आरोप
प्रार्थी के अधिवक्ता राजेश कुमार बताया कि जेपीएससी की ओर से गलत माडल आंसर के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया है, जबकि इससे पूर्व सभी अभ्यर्थियों से इसको लेकर जेपीएससी ने आपत्ति मांगी गई थी। उनकी ओर से भी कई प्रश्नों का उत्तर गलत होने का दावा करते हुए संबंधित दस्तावेज जेपीएससी को भेजे गए थे। जेपीएससी ने गलत उत्तर के आधार पर ही परिणाम जारी कर दिया है।
पेपर वन के छह और पेपर दो के दो उत्तर थे गलत
पेपर वन के छह और पेपर दो के दो माडल उत्तर को गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज भी जेपीएससी को दिया गया, लेकिन जेपीएससी की ओर से संशोधित परिणाम में उक्त उत्तर में सुधार नहीं किया गया। इसलिए परिणाम को निरस्त करने कर मुख्य परीक्षा पर रोक लगानी चाहिए।
Edited By M Ekhlaque