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JPSC Exam New Rule: जेपीएससी ने बदले परीक्षा के नियम, जानें क्‍या-क्‍या बदला; नियमावली में संशोधन

JPSC Exam New Rule कार्मिक सह कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के निर्णयों के आधार पर भी इसमें बदलाव किए गए हैं। इस फैसले से सातवीं जेपीएससी का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 08:59 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 04:22 PM (IST)
JPSC Exam New Rule: जेपीएससी ने बदले परीक्षा के नियम, जानें क्‍या-क्‍या बदला; नियमावली में संशोधन
JPSC Exam New Rule: झारखंड सरकार के ताजा फैसले से सातवीं जेपीएससी का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। JPSC Exam New Rule, JPSC Exam Manual 2021, Jharkhand Cabinet Meeting Today झारखंड कैबिनेट ने बुधवार को झारखंड लोक सेवा परीक्षा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संशोधन से पूर्व में हुई परीक्षाओं की विसंगतियों को दूर कर लिया गया है। परीक्षा नियमावली 1951 में बनी थी और इसमें कुछ संकल्पों के माध्यम से बीच-बीच में संशोधन भी हुए लेकिन कहीं न कहीं गड़बडिय़ां होती रहीं।

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हर परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों और सरकार को कोर्ट में जाना पड़ रहा था। फैसले की जानकारी देते हुए कार्मिक सह कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्णयों के आधार पर भी इसमें बदलाव किए गए हैं। इस फैसले से सातवीं जेपीएससी का मार्ग प्रशस्त हो गया है। कार्मिक सचिव ने बताया कि जेपीएससी के माध्यम से होनेवाली 15 तरह की परीक्षाओं में सभी के लिए एक ही उम्र और शैक्षणिक योग्यता होगी।

प्रारंभिक परीक्षा में कुल पदों के हिसाब से 15 गुना अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। इसके लिए आरक्षित कोटे के कट ऑफ को आठ फीसद तक कम किया जा सकता है ताकि पदों के हिसाब से 15 गुना अभ्यर्थियों का चयन हो सके। लेकिन, किसी भी हाल में पूर्व से निर्धारित पास मार्क्‍स से कम अंक को कट ऑफ निर्धारित नहीं किया जा सकता है। इसी प्रकार सेवा आवंटन से संबंधित विवाद को भी खत्म करने की कोशिश की गई है। इससे संबंधित कई मामले हाई कोर्ट में लंबित हैं।

नई व्यवस्था के तहत आरक्षित कोटे के अभ्यर्थी को अनारक्षित वर्ग के बराबर अंक आते हैं तो वे अनारक्षित कोटे में जा सकते हैं लेकिन सेवा आवंटन में पसंदीदा पद के लिए उन्हें लाभ नहीं मिलने की स्थिति में फिर आरक्षित कोटे में मान लिया जाएगा। हिंदी और अंग्रेजी विषय के अंक अंतिम मेरिट लिस्ट तैयार करने में नहीं जोड़े जा सकेंगे। यह भी तय कर लिया गया है कि सीटों की संख्या के हिसाब से 2.5 गुना उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।


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