झारखंड ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगाई है लंबी छलांग: नड्डा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर कम करने में झारखंड में बेहतर काम हुआ है।
राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने झारखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्रों में हुए बेहतर कार्यो की सराहना की है। मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री रघुवर दास व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी की उपस्थिति में राज्य के पदाधिकारियों के साथ स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा के बाद उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन वर्षो में झारखंड ने स्वास्थ्य के सभी क्षेत्रों में लंबी छलांग लगाई है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास भी पहुंचे।
केंद्रीय मंत्री ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर कम करने में झारखंड में बेहतर काम हुआ है। मातृ मृत्यु दर 208 (प्रति एक लाख जन्म पर) से घटकर 165 हो गई है, जबकि शिशु मृत्यु दर 32 (प्रति एक हजार जन्म पर) से घटकर 29 हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि निक्षय योजना के तहत टीबी मरीजों की पहचान व उनके निबंधन में झारखंड में सबसे अच्छा काम हुआ है। मरीजों के निबंधन में राष्ट्रीय औसत 17 फीसद है, जबकि झारखंड में 49 फीसद निबंधन हुआ है। इस तरह झारखंड ने 75 फीसद लक्ष्य की प्राप्ति कर ली है। झारखंड के अलावा बेहतर करनेवाले कुछ अन्य राज्य भी 30 फीसद तक ही पहुंच सके हैं। मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन तथा राज्य की स्वास्थ्य सचिव निधि खरे भी उपस्थित थीं।
इनके लिए हुई सराहना
- नीति आयोग के स्टेट हेल्थ इंडेक्स में सुधारों में झारखंड को पहला स्थान मिला है।
- प्रत्येक माह नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरिक्षत मातृत्व अभियान के तहत सभी गर्भवती महिलाओं की चिकित्सा जांच चिकित्सकों द्वारा की गई। अबतक 2,84,235 गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ पहुंचाने के लिए झारखंड को अवार्ड प्राप्त हुआ।
- मिशन इंद्रधनुष में कुल 1.34 लाख बच्चों का टीकाकरण हुआ।
- सदर अस्पताल, जमशेदपुर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुंदरपहाड़ी-गोड्डा को कायाकल्प पुरस्कार मिला। - 108 एंबुलेंस के माध्यम से अबतक 6,105 लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया।
- इस साल राज्य में छह नए ब्लड बैंक खोले गए।
- कालाजार के मरीजों में एक साल में 45 फीसद गिरावट आई।
- प्रधानमंत्री डायलिसिस कार्यक्रम के तहत पांच जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा बहाल हुई, 17 जिलों के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है।