Move to Jagran APP

झारखंडः झामुमो कभी भी चुनाव को तैयार, कांग्रेस को प्रस्ताव पर आपत्ति

झामुमो प्रवक्ता कुणाल षाडंगी के मुताबिक उनकी पार्टी हमेशा चुनाव के लिए तैयार है। केंद्र सरकार आज चाहे तो लोकसभा और विधानसभा का चुनाव करा ले।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 07:28 PM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 07:50 PM (IST)
झारखंडः झामुमो कभी भी चुनाव को तैयार, कांग्रेस को प्रस्ताव पर आपत्ति
झारखंडः झामुमो कभी भी चुनाव को तैयार, कांग्रेस को प्रस्ताव पर आपत्ति

राज्य ब्यूरो, रांची। एक राष्ट्र-एक चुनाव की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रस्ताव पर झारखंड के प्रमुख दलों की अलग-अलग राय है। अनुमान से इतर राज्य के क्षेत्रीय दलों झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने इस प्रस्ताव पर हामी भरी है। इनके मुताबिक प्रस्ताव में विरोध सरीखा कुछ नहीं है और इसपर व्यापक समर्थन की पहल केंद्र सरकार करे। प्रमुख विपक्षी दल झामुमो तो इसे लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साहित है। झामुमो प्रवक्ता कुणाल षाडंगी के मुताबिक उनकी पार्टी हमेशा चुनाव के लिए तैयार है। केंद्र सरकार आज चाहे तो लोकसभा और विधानसभा का चुनाव करा ले। पार्टी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वैसे उनके मुताबिक यह प्रस्ताव नितांत अव्यवहारिक है।

loksabha election banner

उधर, झाविमो के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव इस प्रस्ताव के विरोधी नहीं हैं लेकिन उन्हें इसमें साफगोई की बजाय राजनीति ज्यादा नजर आ रही है। उनका कहना है कि इनका (भाजपा का) विचार बदलता रहता है और ये राजनीतिक नफा-नुकसान के लिहाज से बातें करते हैं। ये गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। इनका निजी स्वार्थ भी प्रस्ताव के पीछे हो सकता है, लेकिन पार्टी एक राष्ट्र-एक चुनाव की विरोधी नहीं है। संविधान में संशोधन के साथ भाजपा को इस प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

संघीय ढांचे को तोड़ना चाहती है भाजपा: कांग्रेस

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत के मुताबिक भाजपा का एक राष्ट्र-एक चुनाव का सिद्धांत तानाशाही और अधिनायकवाद का प्रतीक है। यह अव्यवहारिक भी है। यह देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। राज्य विधानसभा में चुनकर आए सदस्यों को पांच वर्ष के लिए जनादेश मिलता है। केंद्र राज्यों पर अपना एजेंडा थोपने से बचे। इसका विरोध होना चाहिए।

चुनाव आयोग को लेना है फैसला: राजद

राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी के मुताबिक पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा का चुनाव कराने का फैसला चुनाव आयोग पर निर्भर करता है। यह थ्योरी कितना व्यवहारिक है, अमल में आने के बाद ही पता चल पाएगा। राजद कभी भी चुनाव के लिए तैयार है। पार्टी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

प्रस्ताव का हो व्यापक समर्थन: भाजपा

झारखंड प्रदेश भाजपा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रस्ताव को व्यापक देशहित में बताया है। विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि भारत एक विशाल देश है और अलग-अलग चुनाव होने से काफी वित्तीय बोझ पड़ता है। एक राष्ट्र-एक चुनाव की थ्योरी पर अमल हुआ तो आम चुनावों के साथ-साथ राज्य विधानसभा के चुनाव होंगे। पांच साल तक कहीं फिर चुनाव की नौबत नहीं आएगी।

2019 के अंत तक प्रस्तावित है चुनाव

-फिलहाल निर्धारित समय सीमा के मुताबिक नवंबर-दिसंबर-2019 में प्रस्तावित है झारखंड में विधानसभा का चुनाव।

-लोकसभा के साथ विधानसभा का चुनाव कराने की नौबत आई तो झारखंड विधानसभा समय से पहले होगा भंग।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.