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Jharkhand Byelections: भाजपा बोली- सरकार बचाने के लिए वोट मांग रहे हेमंत, झामुमो ने कहा- पासपोर्ट का ब्योरा दें बाबूलाल

Jharkhand Byelections झारखंड में दुमका और बेरमो दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में रोज बयानों के तीर भाजपा और झामुमो की तरफ से छोड़े जा रहे हैं। जेएमएम के निशाने पर भाजपा विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी हैं। वहीं बीजेपी के निशाने पर सीएम हेमंत सोरेन हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 09:54 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 09:56 PM (IST)
Jharkhand Byelections: भाजपा बोली- सरकार बचाने के लिए वोट मांग रहे हेमंत, झामुमो ने कहा- पासपोर्ट का ब्योरा दें बाबूलाल
झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी।

रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि उपचुनाव में जनता विकास को वोट करेगी, विनाश को नहीं। सत्ताधारी ठगबंधन उपचुनाव में अपनी हार सुनिश्चित देखकर घबरा गया है, इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार बचाने के लिए सरकार को वोट देने की मांग जनता से कर रहे हैं। जनता परिवारवाद को सबक सिखाने का मन बना चुकी है।

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उन्होंने सवाल उठाया कि जनता हेमंत सरकार के पक्ष में क्यों वोट करेगी, इसका भी कारण मुख्यमंत्री को बताना चाहिए। जो सरकार राज्य को 10 माह में ही विकास की जगह विनाश की गर्त में धकेल दे, दुष्कर्म सहित अन्य आपराधिक घटनाएं रोकने में विफल रहे, महिलाओं की कल्याणकारी योजनाएं बंद करे उस जनता समर्थन नहीं देगी। सरकार बचाने के लिए अब पूरी कैबिनेट चुनाव प्रचार में उतर चुकी है। पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। राज्य के पदाधिकारियों को भी चुनाव प्रचार में लगाया जा रहा है। दस माह में हेमंत सरकार ने एक भी वादा पूरा नही किया। सड़क के गड्ढे तक भरने में विफल सरकार आज फिर से नई नई घोषणाएं कर रही है।

अपने पासपोर्ट का ब्योरा दें बाबूलाल

झारखंड में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में रोज बयानों के तीर झामुमो की तरफ से छोड़े जा रहे हैं। पार्टी के निशाने पर भाजपा विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी हैं। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को अपने पासपोर्ट का ब्योरा राज्य के लोगों को उपलब्ध कराना चाहिए। वे बार-बार देश के बाहर खासकर थाईलैंड किस कार्य से जाते हैं? और उनके इस दौरे से राज्य को क्या फायदा होता है।

बाबूलाल मरांडी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके विदेश दौरे का क्या उद्देश्य हैं? और क्यों वे बार-बार एक ही देश की सैर पर जाते हैं? बाबूलाल मरांडी का खुद का ठौर-ठिकाना ठीक नहीं हैं? और वे बार-बार झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को संताल से खदेड़ने की बातें करते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा विरोधी वोटों की बदौलत जीतकर वे विधानसभा की दहलीज पर पहुंचे और उन्होंने भाजपा का ही दामन थाम लिया। यह मतदाताओं के साथ विश्वासघात है। बाबूलाल मरांडी के मुख से नैतिकता की बातें अच्छी नहीं लगती है। उन्हें अपने मतदाताओं से माफी मांगना चाहिए और उन्हें धोखा देने को लेकर प्रायश्चित करना चाहिए।

झामुमो मुद्दे पर बात करे : भाजपा

भाजपा ने झामुमो के आरोपों को मुद्दे से भटकाने की साजिश करार दिया है। प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने कहा किए? झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य में बीते नौ माह से शासन में है। मोर्चा के नेताओं को यह बताना चाहिए किए? बीते नौ माह के शासनकाल में क्या उपलब्धियां रही है। जो विकास योजनाएं पूर्व में चल रही थी, सरकार उसी का श्रेय ले रही है। कई कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी गई।

राज्य सरकार के पास गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है। पूरा सत्तापक्ष अदूरदर्शी है। सिर्फ केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर झामुमो अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती। कांग्रेस के पास सत्ता का रिमोट कंट्रोल है। कांग्रेस ने कभी झारखंड का भला नहीं किया। मधु कोड़ा का शासनकाल इसका बेहतर उदाहरण है। राज्य में विधि-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। सड़कें चलने लायक नहीं है। विकास का कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है। नौ माह के शासनकाल में झारखंड काफी पीछे चला गया है। राज्य सरकार को उपचुनाव में यह ब्योरा देना चाहिए किए? उसने जनहित में कौन-कौन से कार्य किए? सत्तापक्ष अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता।


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