भाजपा नेताओं की कारगुजारी को उजागर करेगी झामुमो
झामुमो नेताओं ने कहा है कि केंद्र से लेकर प्रदेश में भाजपा की सरकार है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो सकती है। सोमवार को झामुमो मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पार्टी नेताओं ने सीधे मुख्यमंत्री रघुवर दास को निशाने पर लिया। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा के प्रवक्ताओं ने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और रवि केजरीवाल के बीच संबंध पर निशाना साधा था। नेताओं ने दावा किया था कि रवि केजरीवाल ढेर सारी शेल कंपनियां चलाते हैं। हेमंत सोरेन भी इसमें संलिप्त हैं।
इस पर झामुमो नेताओं ने सीधी चुनौती देते हुए कहा है कि केंद्र से लेकर प्रदेश में भाजपा की सरकार है। रघुवर दास क्यों नहीं इन आरोपों की जांच कराते हैं? नेपथ्य में रहकर काम करने वाले झामुमो के केंद्रीय कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल भी पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि उनकी सिर्फ दो कंपनियां गायत्री कमोडिटी और डेस्टिनेशन निर्माण है। दोनों का मुख्यालय कोलकाता में है। वे किसी शेल कंपनी से नहीं जुड़े हैं। उनके दादा भी पार्टी के कोषाध्यक्ष थे। भाजपा के प्रवक्ता उनकी छवि खराब करने के लिए आरोप लगा रहे हैं।
रांची में भाजपा उगाह रही 32 करोड़
झामुमो कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी घेरा। बोले, पीयूष गोयल और अमित शाह के बीच संबंधों का खुलासा करना चाहिए। सवाल उठाया कि महेश पोद्दार, रघुवर दास और लक्ष्मण गिलुवा के बीच क्या संबंध है? उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के हर जिले में भाजपा जमीन खरीद रही है। सिर्फ रांची में 32 करोड़ रुपये की उगाही का लक्ष्य दिया गया है। भाजपा को यह बताना चाहिए कि पैसे कहां से आ रहे हैं? भाजपा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को सीबीआइ, इनकम टैक्स और ईडी का भय दिखा रही है। झामुमो की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा के नेता घबरा गए हैं।
कमर के नीचे वार कर रही भाजपा
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि भाजपा कमर के नीचे वार कर रही है। इससे पूर्व भी हेमंत सोरेन पर अनर्गल आरोप भाजपा के नेताओं ने लगाया था। उन्होंने राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार की घेराबंदी करते हुए कहा कि उन्होंने रांची के महिलौंग में 6.88 एकड़ जमीन की घेराबंदी की है। झामुमो भाजपा नेताओं की कारगुजारी को उजागर करेगी। मोमेंटम झारखंड के आयोजन की अनियमितताओं का भी खुलासा होगा। सरकारी खर्च पर निजी कंपनियों के लिए नियोजन का काम कर सरकार ने सारी मर्यादाएं तोड़ दी है।