झुमरीतिलैया नगर पर्षद चुनाव : मार्च के अंतिम सप्ताह में आदर्श आचार संहिता
झुमरीतिलैया नगर पर्षद चुनाव के साथ कोडरमा नगर पंचायत चुनाव इस साल अप्रैल के अंतिम या मई के पहले सप्ताह में संभावित है। इन चुनावों के लिए दावेदार अभी से ही जोड़तोड़ और गौलबंदी में जुट गए हैं।
कोडरमा, जेएनएन। झुमरीतिलैया नगर पर्षद और कोडरमा नगर पंचायत की तैयारियों के बीच खबर है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। यह चुनाव अप्रैल के अंतिम सप्ताह या फिर मई के पहले हफ्ते में कराए जाने की संभावना है। इन चुनावों के लिए प्रशासनिक महकमा जहां अपनी तैयारियां परख रहा है, वहीं चुनाव में किस्मत आजमाने को आतुर दावेदार भी जोड़-तोड़ और गोलबंदी करने में जुटे हैं।
बीते साल पहले लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव के दौर में लंबे समय तक आचार संहिता के चलते रुके पड़े विकास कार्यों पर एक बार फिर रोक लग जाएगी। इधर चुनावों को लेकर पहले किस्मत आजमा चुके प्रत्याशी फिर अपनी गोटी सेट करने में जुट गए हैं। झुमरी तिलैया नगर पर्षद के साथ ही कोडरमा नगर पंचायत में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वार्ड पार्षद के पदों पर चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवार आस-पड़ोस में मेलजोल करते देखे जा सकते हैं। सोशल मीडिया के जरिये अभी से माहौल भी बनाया जा रहा है।
बढ़ी प्रशासनिक सरगर्मी
इधर, वार्डो के आरक्षण सूची और बूथों के पुनरीक्षण कार्य और मतदाता सूची का विखंडन का कार्य भी शुरू होने के बाद सरगर्मी बढ़ गई है। जिला प्रशासन भी चुनाव तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि मई के पहले चुनाव होगा। ऐसे में मार्च अंतिम सप्ताह या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आचार संहिता लागू हो जाएगा।
नगर पर्षद बोर्ड की बैठक जल्द
नप बोर्ड की बैठक इसी माह के तीसरे सप्ताह में होगी। झुमरीतिलैया नगर पर्षद बोर्ड सत्र की अंतिम बैठक मार्च माह के तीसरे सप्ताह तक होगी, जिसमें विकास योजनाओं की कई कार्यो को स्वीकृति देने के साथ-साथ नए सत्र के लिए बजट को भी स्वीकृति दी जाएगी। नप के कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश कुमार ने बताया कि इस बैठक में अप्रैल सत्र के लिए नए बजट को स्वीकृत कराकर सरकार के पास भेजा जाएगा।
प्रत्याशी कमर कस कर तैयार
कई उम्मीदवार अपनी दावेदारी सोशल मीडिया के जरिये व्यक्त कर चुके हैं, जबकि कई पार्टियों के संपर्क में टिकट लेने के लिए गणेश परिक्रमा शुरू कर दिए हैं। इस वर्ष होने वाले नप चुनाव में 28 वार्डो में से 13 वार्ड जो महिला आरक्षित था उसे पुरुष और जो पुरुष आरक्षित था उसे महिला के लिए परिवर्तित किया गया है। 2015 में चुनाव में उमेश सिंह अध्यक्ष बने थे और उस दौरान चुनाव लडे रमेश हर्षधर ने चुनाव आयोग में कई खामियों को उजागर किया था एक साल के बाद उन्हें अध्यक्ष पद से मुक्त किया गया। उसके बाद वर्तमान उपाध्यक्ष संतोष यादव अप्रैल 2018 तक कार्यकारिणी अध्यक्ष के रूप में दायित्व निभाया।
मई 2018 में हुए उपचुनाव में भाजपा के पूर्व जिलाअध्यक्ष सह अधिवक्ता प्रकाश राम अध्यक्ष पद के रूप में जीतकर प्रभार ग्रहण किए। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए आरक्षण का स्वरूप क्या होगा, यह अभी तक नहीं हुआ है। राजनीतिक दलों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर टिकट की दावेदारी को लेकर जोड़तोड़ शुरू हो गई है। इधर, 13 वार्ड पूर्व में महिलाएं चुनाव जीत चुकी थी उन वार्डो को पुरूष वार्ड करने के बाद पति चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। वहीं जो पुरुष वार्ड थे उन्हें महिला वार्ड होने के बाद पत्नी, मां और भाभियों को भी उतारे जाने की तैयारी की जा रही है।