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अफ्रीकी देश माली में फंसे 33 श्रमिकों तक पहुंची मदद, शीघ्र होगी वापसी

jharkhand goverment news मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप पर श्रमायुक्त ने माली स्थित भारतीय दूतावास को लिखा था पत्र। भारतीय दूतावास के अधिकारियों की उपस्थिति में कंपनी एवं कर्मचार‍ियों के बीच हुई बैठक। कंपनी ने की श्रमिकों के रांची तक के हवाई टिकट व बकाया वेतन भुगतान की व्यवस्था।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:22 PM (IST)
अफ्रीकी देश माली में फंसे 33 श्रमिकों तक पहुंची मदद, शीघ्र होगी वापसी
jharkhand news : माली में फंसे झारखंड के मजदूरों को लाने की कवायद तेज हो गई है।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश माली में फंसे गिरिडीह व हजारीबाग के 33 श्रमिकों की झारखंड वापसी का रास्ता अब साफ हो गया है। वे जल्द ही झारखंड पहुंचेंगे। श्रमिकों ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रमायुक्त ने माली स्थित भारतीय दूतावास से पत्राचार किया था। श्रमायुक्त के पत्र के आलोक में भारतीय दूतावास के अधिकारियों की उपस्थिति में कंपनी व कर्मियों के बीच बैठक हुई। बैठक में ही यह सहमति बनी कि कंपनी ही श्रमिकों के रांची तक के हवाई टिकट व बकाया वेतन भुगतान की व्यवस्था करेगी। कोविड के कारण सप्ताह में केवल एक ही फ्लाइट है, जिससे सभी मजदूर भारत लौटेंगे।

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इस तरह पता चला मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन को

गत 16 दिसंबर को ही रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सेफ रिस्पांसिबल माइग्रेशन इनिसिएटिव योजना लांच की थी। इसी दिन मुख्यमंत्री को यह जानकारी मिली की अफ्रीकी देश माली में गिरिडीह एवं हजारीबाग जिले के 33 प्रवासी श्रमिक फंसे हुए हैं। तीन महीने से अधिक वक्त बीत जाने के बाद भी कंपनी ने प्रवासी श्रमिकों को वेतन का भुगतान नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने इसपर संज्ञान लेते हुए श्रम मंत्री सत्यानन्द भोक्ता को श्रमिकों के लिए हर संभव मदद करने की व्यवस्था करने को कहा। मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने ट्विटर के माध्यम से मजदूरों का संपर्क सूत्र पता कर श्रमायुक्त को माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने का निर्देश दिया था।

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने व‍िदेश मंत्री से की थी बात

बताते चलें कि इस मामले में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी माली में फंसे श्रमिकों को फौरी राहत दिलाने के लिए विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर से न सिर्फ पिछले दिनों बातचीत की थी, बल्कि उन्हें पत्र भी लिखा था। उन्होंने श्रमिकों के तीन महीने का बकाया वेतन दिलवाने का भी अनुरोध किया था। विदेश मंत्री ने इसपर तत्काल संज्ञान लेते हुए माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा था।

श्रमायुक्त ने माली स्थित भारतीय दूतावास में राजनयिक को लिखा पत्र

मजदूरों से तत्काल संपर्क स्थापित कर एवं उनसे उनकी समस्या की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के बाद श्रमायुक्त ए. मुथूकुमार ने माली स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक अंजनी कुमार से संपर्क कर मजदूरों की समस्या के समाधान का आग्रह किया। इसके बाद अफ्रीकी देश माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास ने राज्य सरकार की जानकारी पर संज्ञान लिया। भारतीय दूतावास ने मजदूरों एवं कंपनी से संपर्क स्थापित किया। दोनों ही पक्षों को मामले के समाधान के लिए 18 जनवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया।

कंपनी ने मजदूरों को बकाया भुगतान की ज‍िम्‍मेदारी ली

इस दौरान कंपनी के अधिकारियों ने मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान करने एवं सभी 33 मजदूरों को माली से रांची तक की फ्लाइट टिकट की व्यवस्था करने की जिम्मेवारी ली। साथ ही, फ्लाइट मिलने तक ये सभी मजदूर जब तक माली में रहेंगे, उनके रहने, खाने एवं किसी भी प्रकार की आपात व्यवस्था के लिए कंपनी जिम्मेवार होगी। इस मध्यस्थता पत्र पर श्रमिकों की तरफ से एक प्रतिनिधि एवं कंपनी की ओर से एक प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किया। साथ ही, भारतीय दूतावास के दो उच्च अधिकारियों ने इस पर सहमति जताई।


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