2022 तक दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा झारखंड, 5साल में 1लाख लीटर बढ़ा कलेक्शन
Jharkhand. राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने डेयरी पर आयोजित कार्यशाला में किसानों को सम्मानित किया। अब कृषि की तर्ज पर पशुपालन के लिए भी एक फीसद ब्याज पर ऋण मिलेगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार के कृषि एवं पशुपालन विभाग ने मत्स्य के बाद अब दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर होने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इसके लिए वर्ष 2022 तक की मियाद भी तय की है। शनिवार को डेयरी पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला में कृषि मंत्री रणधीर सिंह एवं सचिव पूजा सिंघल ने इस लक्ष्य को निश्चित समय में हासिल करने का विश्वास जताया। लक्ष्य हासिल करने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों को भी किसानों से साझा किया।
इस मौके पर किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया, उनके बीच परिसंपत्तियों का वितरण भी किया गया। बता दें कि झारखंड में प्रतिदिन 1.25 लाख लीटर दुग्ध का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि आवश्यकता पांच लाख लीटर प्रतिदिन की है। कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने एनडीडीबी (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) के सहयोग से हासिल की गई उपलब्धियों की चर्चा की।
कहा, वर्ष 2014 में जब एमओयू हुआ था तो झारखंड से दूध का कलेक्शन 14 हजार लीटर प्रतिदिन था, आज यह बढ़कर 1.25 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है। दूध उत्पादन से जुड़े किसानों को 10 करोड़ रुपये प्रति माह का भुगतान सीधे उनके एकांउट में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2022 तक आत्मनिर्भर होने की दिशा में सरकार कदम उठा रही है। 90 प्रतिशत अनुदान में 26 हजार से अधिक महिलाओं को गाय का वितरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि पांच दुग्ध प्रॉसेसिंग प्लांट की स्थापना की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। सारठ का पचास हजार लीटर क्षमता का प्लांट सितंबर तक शुरू हो जाएगा। इसी प्रकार साहिबगंज का फरवरी में, पलामू का अप्रैल में और जमशेदपुर और गिरिडीह पर भी जल्द काम शुरू होगा। उन्होंने विद्यालयों में शुरू की गई गिफ्ट मिल्क की भी चर्चा की। कहा, आठ जिलों में शुरू किए गए इस प्रयोग का दायरा अन्य जिलों में भी बढ़ाया जाएगा।
गव्य पालन के लिए भी मिलेगा एक फीसद ब्याज पर ऋण : पूजा सिंघल
कृषि सचिव पूजा सिंघल ने कहा कहा कि कृषि कार्यों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के तहत महज एक फीसद ब्याज पर किसानों को ऋण मुहैया कराया जा रहा है। जल्द ही मत्स्य, गव्य व पशुपालन से जुड़े अन्य किसानों को भी यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी। राज्य कैबिनेट में इस प्रस्ताव को जल्द लाया जाएगा। पूजा सिंघल ने दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए उठाए जा रहे कदमों की चर्चा की। कहा, नस्ल में सुधार हो इसके लिए 3000 पशु नस्ल सुधार सेंटर की स्थापना एक से डेढ़ माह में की जाएगी। जल्द ही सभी पंचायतों इसे शुरू किया जाएगा।
अब मेधा से होगी मधु की मार्केटिंग
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष दिलीप रथ ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि मेधा ब्रांड से ही मधु की मार्केटिंग भी झारखंड में होगी। दिलीप रथ ने बताया कि झारखंड में दुग्ध उत्पादन से 2000 गांव और करीब 20 हजार किसान जुड़े हैं। 1.25 लाख लीटर दूध का कलेक्शन प्रतिदिन हो रहा है और किसानों के खाते में इस मद में 10 करोड़ की राशि भेजी जा रही है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए हरे चारे के अधिक से अधिक उपयोग का सुझाव दिया। मीनेश शाह और सतीश मराठे ने भी अपने विचार प्रकट किए।