झारखंड बनेगा एक्सपोर्ट हब, रांची में एयर कार्गो कांप्लेक्स व जमशेदपुर में कंटेनर डिपो से होगा निर्यात
Export Hub Jharkhand News Business News झारखंड से फल फूल और सब्जियों का निर्यात होगा। संबंधित औद्योगिक इकाइयां आवश्यक सेवा के दायरे में आएंगी। विश्वस्तरीय इंफार्मेशन सेंटर बनेगा। गुणवत्ता अनुसंधान-विकास और प्रदर्शन के आधार पर निर्यात से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों को एक्सपोर्ट अवार्ड दिया जाएगा।
रांची, [प्रदीप सिंह]। औद्योगिकरण को बढ़ावा देने की झारखंड सरकार की मुहिम से राज्य में निर्यात की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस दिशा में पर्याप्त आधारभूत संरचना तैयार करने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। कोशिश, राज्य को एक्सपोर्ट हब के तौर पर विकसित करने की है। राज्य सरकार की नई औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति में इसे शुमार किया गया है। निर्यात से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा संसाधनों के उपयोग के साथ-साथ नई औद्योगिक इकाइयों की मदद से ढांचा तैयार किया जाएगा। रांची एयरपोर्ट के कार्गो कांप्लेक्स से फल, फूल और सब्जियों का निर्यात किया जाएगा।
इसके अलावा जमशेदपुर में इनलैंड कंटेनर डिपो का विस्तार होगा। इसमें भारतीय रेलवे और केंद्रीय उत्पाद एवं कस्टम विभाग की मदद ली जाएगी। निर्यात से संबंधित उत्पादों को तैयार करने वाली औद्योगिक इकाइयों को आवश्यक सेवा और जनोपयोगी सेवा के दायरे में लाया जाएगा। गुणवत्ता, अनुसंधान-विकास और प्रदर्शन के आधार पर निर्यात से जुड़ी औद्योगिक इकाइयों को एक्सपोर्ट अवार्ड दिया जाएगा। राज्य सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ समझौते (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर करेगी। निर्यात क्षेत्र के विख्यात सलाहकारों की मदद से पूरी रणनीति तैयार की जाएगी। विभिन्न चैंबर और कामर्स तथा औद्योगिक संगठनों की मदद से एक विश्वस्तीय इंफार्मेशन सेंटर भी तैयार किया जाएगा।
प्रमुख विभागों के सचिवों की उच्चस्तरीय बोर्ड
निर्यात से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख विभागों के सचिवों की एक उच्चस्तरीय बोर्ड गठित होगी। इसमें वित्त, परिवहन समेत अन्य प्रमुख विभागों के सचिव शामिल रहेंगे। बोर्ड निर्यात से संबंधित प्रमुख फैसले लेगी और इसकी बैठक हर छह महीने पर होगी। निर्यात के लिए राज्य स्तर पर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में पूर्व से कमेटी गठित है। जिला स्तर पर भी एक कमेटी होगी, जिसके प्रमुख उपायुक्त होंगे। उपायुक्त उद्योग निदेशक को अपनी रिपोर्ट देंगे।
उद्योगों में निवेश के उच्च प्राथमिकता और प्राथमिकताओं वाले सेक्टर
-टेक्सटाइल एंड अपेरेल
-आटोमोबाइल, आटो संबंधित उपकरण, इलेक्ट्रिक वाहन
-दवा निर्माण क्षेत्र
-इलेक्ट्रानिक सिस्टम डिजाइन और निर्माण
-पर्यटन
-स्वास्थ्य प्रदाता क्षेत्र
-सूचना प्रौद्योगिक एवं इलेक्ट्रानिक
-नवीकरणीय ऊर्जा
-डिस्टलरी एवं बेवरेज
-लघु और मध्यम इंजीनियरिंग
-शिक्षा एवं तकनीकी संस्थान
आधारभूत संरचना के निर्माण पर जोर
-रोड नेटवर्क - निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उच्च क्वालिटी के रोड नेटवर्क का ढांचा तैयार होगा, ताकि हर क्षेत्र स्टेट हाइवे समेत अन्य सड़कों से जुड़े।
-रेलवे नेटवर्क - भारतीय रेल के सहयोग से मौजूदा संरचना को और आधुनिक करने की योजना तैयार होगी। देवघर-दुमका, रांची-लोहरदगा परियोजना का काम पूरा हो चुका है। इससे बेहतर संपर्क होगा। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर से जुड़कर झारखंड उत्तरी भारत के राज्यों से बेहतर संपर्क नेटवर्क तैयार करने के साथ-साथ बंदरगाहों से जुड़ेगा।
-हवाई नेटवर्क - फिलहाल रांची से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और पटना की कनेक्टिविटी है। राज्य सरकार एयरलाइंस कंपनियों से संपर्क कर अन्य महत्वपूर्ण शहरों से भी उड़ानें आरंभ करने की योजना बनाएगी। जमशेदपुर एयरपोर्ट से भी वाणिज्यिक गतिविधि आरंभ करने की तैयारी है। उड्डयन और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
-गैस पाइपलाइन और बिजली की बेहतर उपलब्धता। राज्य में गैस ग्रिड विकसित करने की योजना है। बिजली की प्रचुर उपलब्धता राज्य में है। ताप विद्युत प्रतिष्ठानों से फिलहाल इसकी आपूर्ति होती है। एनटीपीसी से राज्य सरकार ने 4000 मेगावाट बिजली के लिए एमओयू किया है।
दिल्ली में औद्योगिक नीति से रूबरू कराएंगे मुख्यमंत्री
झारखंड की औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नई दिल्ली में निवेशकों को रूबरू कराएंगे। 27-28 अगस्त को नई दिल्ली में नीति लांचिंग का कार्यक्रम होगा। इसमें विभिन्न क्षेत्रों की अग्रणी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। निवेशकों को झारखंड में उद्योग लगाने को लेकर बनाई गई नीति का हवाला देकर वे विभिन्न सेक्टर में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे।