अब विदेशी भी लेंगे झारखंड की सब्जियाें का मजा, कृषि मंत्री ने हरी झंडी दिखा ट्रकों को कोलकाता रवाना किया
Jharkhand Government News रांची के नगड़ी से कोलकाता एयरपोर्ट के लिए कृषि मंत्री ने सब्जियों का ट्रक रवाना किया। इससे रांची और जमशेदपुर के 500 किसानों को लाभ होगा।
रांची, जासं। अब विदेशों में भी झारखंड की उपजी सब्जियों का मजा लिया जा सकेगा। इसके तहत आज पहला कदम उठाते हुए राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने सब्जियों से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर कोलकाता के लिए रवाना किया। कोलकाता एयरपोर्ट से सब्जियां विदेश भेजी जाएंगी। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड की पहचान बनेगी और किसान आत्मनिर्भर बनेंगे। रांची बाजार समिति के सचिव अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य सरकार के इस कदम से रांची के किसानों की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनेगी।
इसके साथ ही किसानों की आय तीन गुनी तक बढ़ेगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। झारखंड से पहले चरण में सब्जियां दुबई, ओमान, कुवैत और सउदी अरब भेजी जा रही हैं। गुरुवार को कृषि, पशुपालन, सहकारिता एवं मत्स्य विभाग मंत्री बादल पत्रलेख ने नगड़ी के किसानों द्वारा उत्पादित कृषि उत्पाद को कोलकाता एयरपोर्ट के लिए रवाना किया। झारखंड से पहली बार किसानों द्वारा उत्पादित हरी सब्जियों का निर्यात बाजार समिति, रांची के माध्यम से किया जा रहा है। इसका लाभ रांची और जमशेदपुर के करीब 500 किसानों को मिलेगा।
मौके पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की नीयत से झारखंड सरकार ने प्रदेश के किसानों द्वारा उपजाई हरी सब्जियों को विदेश भेजने का फैसला किया है। उसी का आज नगड़ी में शुभारंभ किया गया।
हम किसानों को उनके उत्पाद के अच्छे मूल्यांकन को देखते हुए उचित मूल्य पर विदेश भेजेंगे। वहां से और किसानों को ज्यादा फायदा होगा। उन्होंने बताया कि झारखंड के किसान आत्मनिर्भर बनें और अपने फसल को उचित मूल्य पर बेचें। अभी प्रोड्यूसर कंपनी के द्वारा सहजन की खेती नगड़ी स्थित गौरव टोली में 6:30 एकड़ में लगाया जा रहा है। इससे यहां के किसान आत्मनिर्भर तो होंगे ही, साथ में अपनी आय दुगुनी करेंगे।
वहीं झारखंड से दूसरे चरण में हजारीबाग, रामगढ़ और गुमला के किसानों की सब्जियों को विदेश भेजने की तैयारी है। इन तीनों जिलों में सब्जियों का उत्पादन महिला समूह द्वारा किया जा रहा है। इसके बाद राज्य के अन्य जिलों के किसानों को इससे जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें भी इसका लाभ मिल सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें। झारखंड से भिंडी, करेला, मुनगा, कद्दू, खीरा, फ्रेंचबीन, कटहल, झींगा, बरबट्टी, बोदी आदि सब्जियों को विदेश भेजा जा रहा है।