Jharkhand Unlock 5.0: अनलॉक-5 में बस परिवहन की छूट, सिनेमा हॉल खुलेंगे; बार-रेस्टोरेंट्स को भी राहत
Jharkhand Unlock 5.0 Lockdown News दुकानें खोलने का समय रात 8 बजे तक बढ़ा दिया गया है। सिनेमा हॉल रेस्टोरेंट्स खोल सकते हैं। हालांकि रविवार को पूर्ण बंदी रहेगी। पार्क खुलेंगे। शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। धार्मिक स्थल बंद रहेंगे।
रांची, जासं। झारखंड में अनलॉक 5 में सरकार ने कई छूट दी है। सिनेमा हॉल, बार, मल्टीप्लेक्स, रेस्तरां 50% क्षमता के साथ खुल सकेंगे l स्टेडियम, जिम और पार्क खुल सकेंगे। Banquet हाॅल और सामुदायिक भवन खुल सकेंगे परंतु 50 से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध रहेगा। राज्य के अंदर बस परिवहन की अनुमति दी गई। निजी वाहन से राज्य के अंदर एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए ई पास आवश्यक नहीं होगा। दूसरे राज्य से झारखंड आने के लिए या झारखंड से दूसरे राज्य जाने के लिए ई पास आवश्यक होगा। िजम खोलने की भी इजाजत दी गई है।
राज्य के सभी जिलों में सभी दुकानों को 8 बजे रात तक खोलने की मंजूरी दी गई हैै। सभी सरकारी एवं निजी कार्यालय 50 प्रतिशत मानव संसाधन के साथ खोले जा सकेंगे। शनिवार की शाम 8 बजे से सोमवार की सुबह 6 बजे तक सभी दुकानें (सब्जी-फल-किराना की दुकान सहित) बंद रहेंगी l हालांकि इस दौरान स्वास्थ्य सेवा से संबंधित प्रतिष्ठान और दूध के स्टोर खुले रहेंगे। राज्य में जुलूस पर रोक जारी रहेगी। पब्लिक परिवहन वाहन नियम द्वारा निर्धारित संख्या में ही यात्री को बैठा सकते हैं। भारत सरकार द्वारा आयोजित परीक्षा कराई जा सकेगी। राज्य के द्वारा कराने वाली परीक्षा स्थगित रहेंगी l
अनलॉक 4 एक जुलाई की सुबह 6 बजे समाप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में इस बाबत निर्णय लिया गया कि राज्य की जनता को थोड़ी और छूट दी जाए। हालांकि राज्य में क्रमवार दी गई राहत के बाद जनजीवन थोड़ा सामान्य हुआ है। अनलॉक 5 में दूसरे राज्य से झारखंड आने वाले को 7 दिन का होम क्वारंटाइन नहीं रहना होगा l आगंतुकों की व्यापक टेस्टिंग की जाएगी। सरकार के निर्देश के अनुसार, 50 व्यक्ति से अधिक के इकठ्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा l
राज्य में भले ही कोरोना का संक्रमण कम हुआ है, लेकिन अभी खतरा खत्म नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि जुलाई के अंत तक राज्य में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। कोविड वैक्सीनेशन भी उतनी रफ्तार से नहीं चल रहा है, जिस आधार पर राहत दी जाए। धार्मिक संस्थानों में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति नहीं है।
राज्य के मकतब व मदरसों को दिशा-निर्देशों के साथ खोलने की अनुमति दे सरकार
एदार-ए-शरीया झारखंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी के नेतृत्व में राज्य के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंध विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता से मिल कर एक ज्ञापन सौंपा। मंत्री को दिए मांग पत्र में कहा कि गत वर्ष 2020 के मार्च से राज्य के सैकड़ों मकतब और मदरसे लॉकडाउन के कारण बंद हैं। हजारों छात्र-छात्राओं की पढ़ाई लगभग ठप है। मकतब व मदरसों में पढ़ने वाले अनाथ, बेसहारा व मजबूर बच्चों को समाज द्वारा निश्शुल्क शिक्षा, पालन पोषण, कॉपी-कलम, इलाज, कपड़ा, शिक्षा और अन्य सुविधाएं दी जाती रही हैं।
मांग की कि सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार अब मदरसे खोल दिए जाएं ताकि वहां की शिक्षा सुचारू रूप से चल सके। मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गौर से सुना और यकीन दिलाया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपने स्तर से बात करेंगे। सरकार बच्चों की पढ़ाई को लेकर संजीदा है। प्रतिनिधिमंडल में मुफ्ति फैजुल्लाह मिस्बाही, मौलाना जसीमुद्दीन खान, मौलाना रेयाजुद्दीन, मौलाना मुजीबुर रहमान, शमसुल होदा, दाउद आलम, धीरज प्रसाद, लेयाकत अली व अन्य शामिल थे।