टेरर फंडिंग मामला : महेश अग्रवाल को एनआइए ने कोलकाता से किया गिरफ्तार, खुला राज
Jharkhand Terror Funding Case नक्सलियों-उग्रवादियों (Naxalites-Militants) को टेरर फंडिंग के मामले (Terror Funding Case) का अनुसंधान कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) (एनआइए) ने आधुनिक पावर एवं नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक रहे महेश अग्रवाल (Mahesh Agarwal) को कोलकाता (Kolkata) से गिरफ्तार कर लिया।
रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand Terror Funding Case : नक्सलियों-उग्रवादियों (Naxalites-Militants) को टेरर फंडिंग के मामले (Terror Funding Case) का अनुसंधान कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) (एनआइए) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आधुनिक पावर एवं नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड कंपनी (Adhunik Power & Natural Resources Limited Company) के प्रबंध निदेशक रहे महेश अग्रवाल (Mahesh Agarwal) को कोलकाता (Kolkata) से गिरफ्तार कर लिया। पूरा मामला चतरा (Chatra) के टंडवा स्थित मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना (Magadha and Amrapali Coal Project) से टेरर फंडिंग से जुड़ा हुआ है।
एनआइए के वरिष्ठ अधिकारियों ने गिरफ्तारी की कर दी है पुष्टि
टेरर फंडिंग का मामला उजागर होने के बाद आधुनिक पावर कंपनी ने महेश अग्रवाल को प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया था। उनके स्थान पर राघवेंद्र कुमार सिंह को प्रबंध निदेशक बनाया था। एनआइए के वरिष्ठ अधिकारियों ने गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है। मंगलवार को ही हाईकोर्ट ने भी महेश अग्रवाल, ट्रांसपोर्टर अमित अग्रवाल व विनीत अग्रवाल की याचिका खारिज कर दी थी।
सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी व शांति समिति के बीच समन्वय से हो रहा था टेरर फंडिंग
एनआइए चतरा जिले के टंडवा थाने में वर्ष 2018 में दर्ज एक प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए अनुसंधान कर रही है। इस मामले में एनआइए चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है, जिसमें इस बात का खुलासा कर चुकी है कि सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी व शांति समिति के बीच समन्वय से टेरर फंडिंग हो रहा था।
ठेका दिलाने के लिए टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमण ने की थी अनुशंसा
इस मामले में एनआइए ने सीसीएल के कर्मचारी सुभान खान सहित 14 आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था। एनआइए की चार्जशीट में इस बात का भी खुलासा किया गया था कि उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादियों को लेवी देने के लिए ही ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था। इसके लिए ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को ठेका दिलाने के लिए टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमण ने अनुशंसा की थी।