Jharkhand: अब NCERT मॉड्यूल पर होगी शिक्षकों की ट्रेनिंग
National Council of Educational Research and Training. अभी तक शिक्षकों का प्रशिक्षण झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा तैयार मॉड्यूल के आधार पर होता रहा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का प्रशिक्षण अब राष्ट्रीय शिक्षा, शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा तैयार मॉड्यूल के आधार पर होगा। प्रशिक्षण की जिम्मेदारी भी एनसीईआरटी को दी जाएगी। एनसीईआरटी के रिसोर्स पर्सन झारखंड में शिक्षकों को आवासीय प्रशिक्षण देंगे। समग्र शिक्षा अभियान के चालू वित्तीय वर्ष के बजट की स्वीकृति को लेकर नई दिल्ली में शुक्रवार को हुई प्रोग्राम एप्रूवल बोर्ड की बैठक में इसपर सहमति बनी। अभी तक शिक्षकों का प्रशिक्षण झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा तैयार मॉड्यूल के आधार पर होता रहा है।
- शिक्षकों को अलग से सेफ्टी एंड सेक्यूरिटी का प्रशिक्षण
- स्कूलों में गठित होंगे यूथ एंड इको क्लब, राशि तय
- दिसंबर माह में होगा स्कूल बेस्ड असेसमेंट
प्रत्येक शिक्षकों को अलग से सेफ्टी एंड सेक्यूरिटी का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इससे शिक्षक पहले फस्र्ट एड काउंसलर के रूप में काम कर सकेंगे। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इस नई योजना की स्वीकृति बैठक में मिली। इसके तहत प्रत्येक स्कूलों में सेफ्टी एंड सेक्यूरिटी का डिस्पले लगाया जाएगा। प्रत्येक स्कूलों को शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एक हजार रुपये तथा डिस्पले के लिए 500 रुपये मिलेंगे।
बैठक में प्रत्येक स्कूलों में यूथ एंड इको क्लब गठित करने पर भी सहमति बनी। इस क्लब के बच्चे स्कूल अवधि के बाद अतिरिक्त गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। इनमें खेलकूद, पुस्तकालय में अध्ययन व मनोरंजन की अन्य गतिविधियां शामिल हैं। यूथ एवं इको क्लब के प्रत्येक प्राइमरी स्कूलों को पांच हजार, प्राथमिक स्कूलों को पंद्रह हजार तथा हाई स्कूलों व प्लस टू स्कूलों को 25 हजार रुपये मिलेंगे।
बैठक में दिसंबर माह में बच्चों का स्कूल बेस्ड असेसमेंट कराने पर भी सहमति बनी। इस असेसमेंट के लिए 90 फीसद प्रश्न स्कूल के शिक्षक तैयार कर बच्चों के शिक्षण स्तर का मूल्यांकन करेंगे। दस फीसद प्रश्न एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया जाएगा तथा इसके द्वारा ही बच्चों का मूल्यांकन कराया जाएगा। बता दें कि केंद्र ने समग्र शिक्षा अभियान के चालू वित्तीय वर्ष के लिए कुल 2134.85 करोड़ के बजट की स्वीकृति दी है।
स्कूलों के सेंसस की भी मिली स्वीकृति
पैब की बैठक में स्कूलों के सेंसस कराने की भी स्वीकृति मिली। शगुनोत्सव कार्यक्रम के तहत प्रत्येक स्कूलों में उपलब्ध शिक्षकों, संसाधनों का डाटा इंट्री कराया जाएगा।
अपलोड करनी होगी एसएमसी की बैठकों की कार्यवाही
अब प्रत्येक स्कूलों को विद्यालय प्रबंध समितियों की बैठकों की कार्यवाही केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा तैयार इंटीग्रेटेड ऐप में अपलोड करनी होगी। इसके लिए प्रत्येक स्कूलों को पांच-पांच सौ रुपये मिलेंगे।
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