चतरा में राज्यव्यापी बंदी का व्यापक असर, वाहनों के परिचालन पर ब्रेक, यात्रियों की बढ़ी परेशानी
Jharkhand Shutdown भाकपा माओवादियों ने आज राज्यव्यापी बंदी की घोषणा की है। इसको लेकर लोगों का कहना है कि माओवादी अपना अस्तित्व बचाने के लिए बंदी की अपील कर रहे हैं। उनके आह्वान से किसी का कल्याण नहीं होने वाला है।
चतरा, जागरण संवाददाता। Jharkhand Shutdown : भाकपा माओवादियों की राज्यव्यापी बंदी का चतरा में व्यापक असर है। यातायात व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित है। मालवाहक एवं यात्री वाहनों का परिचालन नहीं हो रहा है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। चतरा जिला मुख्यालय से रांची, हजारीबाग, गया, कोडरमा, चौपारण एवं अन्य दूसरी जगहों के लिए चलने वाली यात्री बसों के पहियों पर ब्रेक लगा हुआ है।
बस एवं टैक्सी स्टैंडों में यात्री परेशान हैं। करीब दो-ढाई महीने पहले पुलिस गिरफ्त आए दिग्गज माओवादी उग्रवादी किशन दा और उसकी पत्नी शीला मरांडी को राजनीतिक बंदी बनाने तथा उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की मांग को लेकर झारखंड और बिहार बंद का आह्वान किया है।
गुरुवार को उनका प्रतिरोध सप्ताह का समापन भी है। ऐसे में बंदी के दौरान बड़ी घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए बंदी को देखते हुए जिला पुलिस अलर्ट है। पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने सभी थानों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। गश्ती बढा दी गई है।
टंडवा स्थित सीसीएल के आम्रपाली एवं मगध कोल परियोजनाओं से कोयले का परिवहन ठप है। कोयले का परिवहन शिवपुर रेलवे साइडिंग पर होता है। एक दिन में करीब 70 हजार टन कोयले का परिवहन वहां किया जाता है।
सूत्रों ने बताया कि रात बारह बजे के बाद से परिवहन व्यवस्था ठप है। इधर यात्री वाहनों का परिचालन नहीं होने दूसरे स्थानों के लिए रवाना होने वाले लोग खासे परेशान हैं। शादी-ब्याह के सीजन में माओवादियों की बंदी से आम लोगों में खासे नाराजगी है। लोगों का कहना है कि माओवादी अपना अस्तित्व बचाने के लिए बंदी की अपील कर रहे हैं। उनके आह्वान से किसी का कल्याण नहीं होने वाला है।