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बार काउंसिल दो साल तक नहीं लेगा जिला संघों से अपना हिस्सा

रांची कोरोना संकट में अधिवक्ताओं की मदद के लिए स्टेट बार काउंसिल व सभी बार जिला संघ अपनी-अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने जिला बार संघों से मिलने वाली वार्षिक राशि छोड़ दी है ताकि वे अपने स्तर से अधिवक्ताओं की मदद कर सकें।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 08:32 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 08:32 PM (IST)
बार काउंसिल दो साल तक नहीं लेगा जिला संघों से अपना हिस्सा
बार काउंसिल दो साल तक नहीं लेगा जिला संघों से अपना हिस्सा

रांची : कोरोना संकट में अधिवक्ताओं की मदद के लिए स्टेट बार काउंसिल व सभी बार जिला संघ अपनी-अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने जिला बार संघों से मिलने वाली वार्षिक राशि छोड़ दी है, ताकि वे अपने स्तर से अधिवक्ताओं की मदद कर सकें।

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झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने कहा कि स्टेट बार काउंसिल को सभी जिला बार संघों की ओर से हर साल आय की दस फीसद राशि का भुगतान करना होता है। लेकिन, कोरोना संकट की वजह से स्टेट बार काउंसिल ने उक्त राशि दो साल के लिए नहीं लेने का फैसला किया है। साथ ही, जिला बार संघों से कहा है कि उक्त राशि अपने सदस्यों में वितरित करें।

दरअसल, कोरोना संकट की वजह से झारखंड हाई कोर्ट सहित राज्य की सभी जिला अदालतों में ऑनलाइन सुनवाई हो रही है। इसके चलते बहुत कम ही अधिवक्ताओं को अदालती कार्रवाई में शामिल होने का मौका मिल रहा है। क्योंकि, निचली अदालतों में गवाही सहित अन्य गतिविधियां फिजिकल रूप से करनी पड़ती हैं, लेकिन हाई कोर्ट ने इस तरह के मामलों की सुनवाई को फिलहाल प्रतिबंधित किया है। यह इसलिए किया गया है कि कम से कम लोग एक-दूसरे के संपर्क में आएं। बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्णा ने बताया कि हाई कोर्ट सहित अन्य अधिवक्ताओं को अभी कुल 45 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है। वहीं, ट्रस्टी कमेटी से अधिवक्ताओं को पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद को लेकर घोषणा की गई है। कुछ लोगों को इसका भुगतान कर दिया गया है और कुछ की अभी स्क्रूटनी चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही उक्त राशि आर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ताओं को दी जाएगी।

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