Sarkari Naukri: झारखंड में 25 हजार शिक्षक, 1.6 लाख सरकारी पदों पर बहाली; देखें आवेदन Details
Jharkhand Government Jobs बंपर बहालियों के इस दौर में सरकार ने सभी खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। इस साल सर्वाधिक 25 हजार शिक्षकों की बहाली होगी। जबकि पुलिस विभाग सचिवालय सेवा संवर्ग और स्वास्थ्य विभाग में भी हजारों नई भर्तियां की जा रही हैं।
रांची, [आशीष झा]। Jharkhand Government Jobs, Jharkhand Sarkari Naukri 2021 सरकारी नौकरी के लिए जी-जान लगाए नौजवानों के लिए सुखद खबर झारखंड से है। नए साल 2021 में यहां थोक के भाव में नौकरियां बरसेंगी। एक लाख 60 हजार सरकारी पदों पर बहाली हो रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने सभी खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। इस साल सर्वाधिक 25 हजार शिक्षकों की बहाली होगी। जबकि पुलिस विभाग, सचिवालय सेवा संवर्ग और स्वास्थ्य विभाग में भी हजारों नई भर्तियां की जा रही है। बंपर बहालियों के इस दौर में युवाओं के लिए ये बेहतर मौका है।
राज्य में सरकारी नौकरियों में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। स्वरोजगार के माध्यम से भी सरकार लोगों को नियोजित करने की तैयारियों को आगे बढ़ा रही है। सर्वाधिक पद शिक्षकों के खाली हैं और इसके अलावा पुलिस एवं अन्य विभागों में भी सैकड़ों की संख्या में नियुक्तियां होनी हैं। 25 हजार शिक्षकों समेत 1.6 लाख सरकारी पद रिक्त हैं जिन्हें जल्द से जल्द भरने का निर्देश दिया गया है।
इसके लिए प्राथमिक तौर पर तैयारियां कर ली गई हैं। झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) लंबित प्रतियोगिता परीक्षाएं शीघ्र आयोजित करने को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है तो कर्मचारी चयन आयोग भी अपनी ओर से तैयारियों में जुटा है। माना जा रहा है कि जनवरी-फरवरी में एक दर्जन परीक्षाओं को लेकर तिथियों की घोषणा हो सकती है।
इसके अलावा नियुक्तियों से संबंधित कई और परीक्षाओं के लिए प्राथमिक तैयारियां अंतिम चरण में हैं और तैयारियां पूरी होते ही तिथियों की घोषणा कर दी जाएगी। स्वरोजगार को भी सरकार प्रमुखता दे रही है और पिछले दिनों बैंकों के साथ बैठक में सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया गया कि स्थानीय स्तर पर लोगों को अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराया जाए।
झारखंड लोक सेवा आयोग में अमिताभ चौधरी के अध्यक्ष बनने के बाद परीक्षाओं के शीघ्र आयोजन को लेकर गतिविधियां तेजी से बढ़ गई हैं। फिलहाल आयोग का पूरा जोर वर्षों से लंबित प्रतियोगिता परीक्षाओं को पूरा करने पर है। जेपीएससी ने सबसे पहले आठ प्रतियोगिता परीक्षाओं की संभावित तिथियां तय कर दी हैं। इनमें संयुक्त सिविल सेवा बैकलॉग प्रारंभिक परीक्षा-2017 के अलावा असिस्टेंट टाउन प्लानर (नगर विकास विभाग), सहायक निदेशक तथा सब डिवीजनल एग्रीकल्चर अफसर (कृषि सह पशुपालन विभाग), सहायक अभियंता (विभिन्न कार्य विभाग), साइंटिफिक अफसर (खान एवं भूतत्व विभाग), सहायक अभियंता (नगर विकास विभाग), एकाउंट्स अफसर (नगर विकास विभाग) शामिल हैं।
इनमें कुछ परीक्षाओं की लिखित परीक्षा होनी है, जबकि कुछ का साक्षात्कार आयोजित होना है। बताया जाता है कि कई अन्य प्रतियोगिता परीक्षाएं अगले साल मार्च तक पूरा करने की तैयारी चल रही है। शीघ्र ही इन परीक्षाओं की भी संभावित तिथियां तय की जाएंगी। इनमें पॉलीटेक्निक तथा बीआइटी सिदरी में व्याख्याताओं एवं अन्य पदों पर नियुक्ति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर नियुक्ति आदि शामिल हैं।
लंबित कई परीक्षाओं में कुछ बिदुओं पर संबंधित विभागों को पहले ही स्पष्ट करने को कहा गया है। अब उनसे दोबारा पत्राचार किया जा रहा है। वहीं, कुछ प्रतियोगिता परीक्षाएं नियमावली में त्रुटि होने के कारण रद करनी पड़ी थीं। इन परीक्षाओं की प्रक्रियाएं भी फिर से शुरू हो सकती है।
जेपीएससी के लिए विवि शिक्षक नियुक्ति है प्राथमिकता
झारखंड लोक सेवा आयोग की प्राथमिकता में विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति शामिल है। फिलहाल बैकलॉग के शेष पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही नियमित नियुक्ति को लेकर भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बता दें कि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू कई बार विश्वविद्यालय शिक्षकों की शीघ्र नियुक्ति के निर्देश दे चुकी हैं।
ये परीक्षाएं भी होंगी
- जेएसएससी ग्रेजुएट लेवल कम्बाइंड परीक्षा-2019
- जेएसएससी एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा-2019
- छठी डिप्टी कलेक्टर सीमित परीक्षा
- साइंटिफिक ऑफिसर एग्जाम
- सहायक अभियंता परीक्षा
- संयुक्त सिविल सेवा बैकलॉग परीक्षा 2017
- खाता अधिकारी परीक्षा
- सहायक अभियंता सिविल परीक्षा
- एपीपी परीक्षा-2018
कोर्ट में अटके मामलों का निदान जरूरी
बहाली प्रक्रिया शुरू करने के पूर्व हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक मामले लटके हुए हैं। कोर्ट के निदेर्श पर नियोजन नीति भी बदली जा रही है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण को भी चुनौती दी गई है। इन मसलों के निदान के बगैर सरकारी नौकरियों के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती है।
इस साल श्रमिकों के लिए कई योजनाएं
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए मनरेगा के माध्यम से बड़े पैमाने पर लोगों को काम मिल रहा है तो शहरी क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना लांच की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 100 दिनों का गारंटीयुक्त रोजगार उपलब्ध कराना है। राज्य सरकार द्वारा शहरी विकास की तमाम योजनाओं यथा-प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन, भवनों का निर्माण, सड़कों का निर्माण, साफ- सफाई, स्वच्छता आदि से संबंधित योजनाओं में अकुशल कामगारों को बड़े पैमाने पर नियोजित किया जा सकेगा।