झारखंड की सहिया दीदियों ने पेश की मिसाल, कोरोना काल में इनके सेवा भाव के सभी हुए कायल
Jharkhand Sahiya Didi झारखंड की सहिया दीदियों ने कोरोना काल में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया। लोगों को जागरूक करती रहीं। कोरोना संक्रमण के दौर में कोविड मरीजों की पहचान करने व सामुदायिक कोविड जांच में भी इनकी सक्रिय भूमिका रही।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Sahiya Didi कोरोना कालखंड में जब सबकुछ थम गया और घरों में कैद लोग संक्रमण के डर से अपनों से मिलने से कतराने लगे थे। उस वक्त भी राज्यभर की 42 हजार सहिया दीदियां राज्य सरकार के सहयोग से अपने दायित्व के निर्वहन में जुटी थीं। इन सहियाओं में एक हैं रीना देवी। बोकारो स्थित तेलो गांव निवासी सहिया रीना देवी ने अपने दायित्वों का निर्वाह कर बड़ी मिसाल पेश की। रीना देवी को पता चला कि दूसरे राज्य से लौटे गांव के एक दंपती कोरोना संक्रमित हैं। संक्रमण के डर से पूरे गांव के लोग उस परिवार से दूरी बरत रहे थे। ऐसे में रीना ने मेडिकल टीम की सहायता से संक्रमित दंपती को बोकारो जनरल अस्पताल में भर्ती कराया। आज वे स्वस्थ हैं और रीना को धन्यवाद देते रहते हैं। वहीं, रीना के कार्य की पूरा गांव सराहना कर रहा है।
हजारों सहिया ने निभाया फर्ज
सिर्फ रीना ही नहीं, राज्यभर की हजारों सहिया दीदियां संक्रमण काल में अपने कर्तव्य पर डटी रहीं। राज्य सरकार के दिशा-निर्देश पर संक्रमण के मुश्किल दौर में लोगों को सामाजिक दूरी का पालन कराने, मास्क लगाने, साफ-सफाई का ध्यान दिलाने जैसी अहम जानकारियां देने का कार्य किया। गांव-टोला, मोहल्लों से लेकर अस्पतालों तक सहियाओं ने लोगों के सेवार्थ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कोरोना संक्रमित मरीजों की आबादी वाले क्षेत्रों में जाकर सर्वेक्षण कार्य करने से लेकर कोविड मरीजों की पहचान करने व सामुदायिक कोविड जांच में भी इनकी सक्रिय भूमिका रही।
इसके अतिरिक्त लगातार इनके द्वारा हाउस-टू-हाउस सर्वे कार्य किए गए। सर्दी-खांसी, इन्फ्लूएंजा व सांस से संबंधित अन्य गंभीर रोग वाले मरीजों की पहचान करने के लिए भी इन्होंने सर्वेक्षण किया। गंभीर बीमारियों से ग्रसित बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं की पहचान करने, इनके टीकाकरण तथा कोविड काल में नवजात शिशुओं के जन्म और उनकी देखरेख करने में भी अस्पताल से लेकर घर-घर जाकर लोगों की सेवा की।
कौन हैं सहिया दीदियां
झारखंड में आशा दीदियों को सहिया के रूप में जाना जाता है। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के दौर में कोरोना से संबंधित गतिविधियों में कोरोना योद्धा की भूमिका का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। ये खास तौर पर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधित कार्य करती हैं।