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माओवादियों के आरोप से मची सनसनी, झारखंड पुलिस से इस संगठन के गठजोड़ का किया दावा, जानें सच्‍चाई

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने लोहरदगा में लंबे समय के बाद पोस्टर चिपका कर अपनी मौजूदगी के जरिए दहशत फैलाने की कोशिश की है। संगठन की ओर से लगाए गए पोस्‍टर में सनसनीखेज दावे किए गए हैं।

By Brajesh MishraEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 01:28 PM (IST)
माओवादियों के आरोप से मची सनसनी, झारखंड पुलिस से इस संगठन के गठजोड़ का किया दावा, जानें सच्‍चाई
माओवादियों की ओर से लोहरदगा में लगाए गए पोस्‍टर। जागरण

सेन्हा (लोहरदगा),संसू। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने लंबे समय के बाद पोस्टर चिपका कर अपनी मौजूदगी के जरिए दहशत फैलाने की कोशिश की है। संगठन की ओर से लगाए गए पोस्‍टर में सनसनीखेज दावे किए गए हैं। लोहरदगा जिले के बगडू और सेन्हा थाना क्षेत्र के अलग अलग स्थानों में लगाए गए पोस्टर में संगठन ने पु‍लिस और जेजेएमपी को निशाने पर लिया है।

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मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। पुलिस द्वारा सभी स्थानों से पोस्टर उखाड़ कर कब्जे में ले लिया गया है। माओवादियों ने सेन्हा थाना क्षेत्र के रानीगंज, नीचे तुरियाडीह, नवाडीह, गढ़कसमार, शाही घाट पथ पर, बगडू थाना क्षेत्र के अरेया, निरहू, चरहु चौक में पोस्टर चिपकाया गया है। सूचना मिलने के बाद सेन्हा थाना प्रभारी सूरज प्रसाद और बगडू थाना प्रभारी रंजन सिंह ने मोटरसाइकिल दास्ता के साथ मौके पर पहुंचकर पोस्टर को कब्जे में ले लिया है। पोस्टर में संगठन ने दावा किया है क‍ि जेजेएमपी व पुलिस के बीच गठजोड़ है।

अपील की गई है क‍ि जेजेएमपी को साफ करो, गांव-गांव में क्रांति किसान मोर्चा का गठन करो, जेजेएमपी के काले कारनामों को बेनकाब करो, माओवादी के संस्थापक को लाल सलाम आदि बातें लिखी हुई है। कहा जा रहा है कि पोस्टर रविवार की रात चिपकाए गए हैं। माओवादियों द्वारा की गई पोस्टर बाजी से लोगों में दहशत है। पोस्टरों को शाहीघाट के रास्ते में पहाड़ी रास्ते में भी चिपकाया गया है। लंबे समय के बाद भाकपा माओवादी नक्सली संगठन ने पोस्टर चिपकाकर दहशत फैलाने की कोशिश की है।

पुलिस से दूसरे संगठनों के संबंध के करते रहे हैं दावे

भाकपा माओवादी संगठन की ओर से पहले भी पुलिस और दूसरे उग्रवादी संगठनों के बीच संबंध होने के दावे किए जाते रहे हैं। हकीकत में कई बार यह साबित हो चुका है क‍ि पुलिस की छव‍ि को खराब करने के लिए माओवादियों की ओर से इस तरह के तथ्‍यहीन आरोप लगाए जाते रहे हैं। पुलिस  और सीआरपीएफ की टीमें लगातार सभी उग्रवादी संगठनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करती रही हैं।


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