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जेपीएससी परीक्षा में धांधली पर झारखंड राजभवन की नजर, अब हाई कोर्ट भी जा सकता है मामला

झारखंड लोक सेवा आयोग अपनी भूम‍िका को लेकर शुरू से कठघरे में रहा है। इस बार भी कठघरे में है। हर कोई सवाल पूछ रहा क‍ि बिना ओएमआर शीट कैसे जारी हुआ परिणाम। उधर जेपीएससी का जवाब है क‍ि परीक्षा परिणाम जारी करने में देर न हो इसलिए किया पास।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 05:00 AM (IST)
जेपीएससी परीक्षा में धांधली पर झारखंड राजभवन की नजर, अब हाई कोर्ट भी जा सकता है मामला
सातवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में धांधली पर व‍िवाद।

रांची, (राज्य ब्यूरो)। सातवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में सामने आ रही गड़बड़‍ियों पर राजभवन की नजर है। अभ्यर्थियों ने राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर कई गड़बड़‍ियों की जानकारी दी है। राज्यपाल पूर्व में भी झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी से इस पर जानकारी ले चुके हैं। अब नया विवाद उत्पन्न होने पर इस संबंध में भी जानकारी मांगी जा सकती है। उधर, कई अभ्यर्थी परीक्षा परिणाम के विरोध में कोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

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बिना ओएमआर शीट कैसे उत्तीर्ण घोषित हो गए अभ्‍यर्थी

सातवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में लगातार क्रमांक से अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने का विवाद गहराता जा रहा है। पहले 49 अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण कर दिया गया और बाद में इन सभी को अनुत्तीर्ण कर दिया गया। सवाल यह भी उठ रहा है कि पूर्व में बिना ओएमआर शीट के इन अभ्यर्थियों को कैसे उत्तीर्ण घोषित कर दिया गया।

आयोग के दो तरह के बयान से बढ़ रही आशंका

लोहरदगा तथा साहिबगंज के एक-एक केंद्रों से लगातार क्रमांक के अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने के मामले में जेपीएससी ने पहले स्पष्ट किया कि अपरिहार्य कारणों से ऐसा हुआ। इसके लिए अभ्यर्थी उत्तरदायी नहीं हैं। यह भी कहा कि अपरिहार्य परिस्थितियां किसी कदाचार से संबंधित नहीं है। अब आयोग का कहना है कि जिन 49 अभ्यर्थियों को असफल घोषित किया गया है, उनके ओएमआर शीट ही एक नवंबर को आयोग के पास नहीं थे।

इसल‍िए असफल घोष‍ित कर द‍िए अभ्‍यर्थी

आयोग का कहना है क‍ि चूंकि इन अभ्यर्थियों की उपस्थिति बनी हुई थी, इसलिए ओएमआर शीट नहीं होने के लिए ये जिम्मेदार नहीं थे। परिणाम प्रकाशित करने में देरी न हो, इसलिए इन 49 अभ्यर्थियों को कट आफ माक्र्स के बराबर अंक देकर औपबंधिक रूप से उत्तीर्ण घोषित किया गया था। बाद में जांच रिपोर्ट आने के बाद इन्हें असफल घोषित करने का निर्णय लिया गया।

आठ अभ्‍यर्थी सफल क्‍यों नहीं, आयोग के पास जवाब नहीं

प्रकाशित परिणाम में आठ अन्य अभ्यर्थियों को किस आधार पर सफल घोषित नहीं किया गया था, इसे आयोग ने स्पष्ट नहीं किया है, जबकि इनके ओएमआर शीट भी आयोग के पास नहीं थे। आयोग ने 25 नवंबर को जारी अपने स्टेटमेंट में इसका उल्लेख नहीं किया था कि 57 अभ्यर्थियों के ओएमआर शीट नहीं थे। इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।

ओएमआर शीट गायब होने का जिम्मेदार कौन

बहरहाल, 57 अभ्यर्थियों के परीक्षा में उपस्थित होने के बाद भी ओएमआर शीट कैसे गायब हो गए, इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार कौन है तथा उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई, झारखंड लोक सेवा आयोग ने इसे भी स्पष्ट नहीं किया है। इस कारण भी आयोग की भूम‍िका संदेह के घेरे में है।


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