ये बादल क्यों गरजता है... बुढ़ापे में भी जबरदस्त माइलेज दे रही ये गाड़ी; पढ़ें राजनीति की अंदरुनी खबर
Jharkhand News Jharkhand Politics News in Hindi कंबल ओढ़कर और ओढ़ाकर घी पीने की कला के एक से एक उस्ताद और शागिर्द मिल जाएंगे अपने सूबे मेंं। किस्से तमाम हैं। कंबल ने कइयों का बेड़ा पार लगाया तो कइयों को दीवाल धराया। अपने खादीवाले बाबा इसका हुनर खूब जानते हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Jharkhand Politics News in Hindi झारखंड की राजनीति इन सर्दियों में भी गरमाहट से भरी है। कांग्रेस जहां किसान आंदोलन के बहाने अपनी पैठ मजबूत करने में लगी है, वहीं भाजपा सरकार के फैसलों पर लगातार उंगलियां उठाकर मजबूत विपक्ष का दम भर रहा है। राज्य ब्यूरो के सहयोगी के साथ यहां पढ़ें हमारा नियमित कॉलम खरी-खरी...
किस्सा कुर्सी का
कंबल ओढ़कर और ओढ़ाकर घी पीने की कला के एक से एक उस्ताद और शागिर्द मिल जाएंगे अपने सूबे मेंं। किस्से तमाम हैं। कंबल ने कइयों का बेड़ा पार लगाया तो कइयों को दीवाल धराया। अपने खादी वाले बाबा भले ही पिछले कुछ दिनों से सिस्टम से दूर थे लेकिन इसके ताने-बाने का हुनर खूब जानते हैं। हवा जोरों पर है कि बड़े दरबार में ठंड में एक ट्रक कंबल गरीबों के लिए दान कर आए। यह प्रत्यक्ष दान, इस अप्रत्यक्ष आशा और विश्वास के साथ जुड़ा है कि खाली धूल फांक रही कुर्सी को झाड़पोछ कर फिर काबिज होने का मौका मिल जाए। लेकिन बात बनी नहीं अब तक। सरकारी पुर्जा निकले इस आस में दर-दर भटक रहे हैं। सुना है कि हाथ वालों ने अड़ा दी है टांग। इनके खेमे के वक्ताओं और प्रवक्ताओं की टोली भी इसी कुर्सी पर निगाह जमाए हैं।
नहीं रुक रही गाड़ी
वयोवृद्ध हाथ शिरोमणि बुढ़ापे में भी जबरदस्त माइलेज दे रहे हैं। जाने कौन तेल से गाड़ी दौड़ा रहे हैं। इनकी मारवाड़ी-बिहार की गाड़ी पटरी से उतर ही नहीं रही है। नसीहत मिली तो और बढ़ा दिया एक्सीलेटर। दुश्मनों को दोना-कोना धरा आगे बढ़ चले हैं। अब सीधी बात, नो बकवास पर उतर आए हैं। एलान कर दिया है हम ही चुनते हैं राजा। राजपाट के मामले में हमको हाथ लगाओगे तो साफ हो जाओगे। संदेश में छिपे पैगाम के तरह-तरह के अर्थ लगाए जा रहे हैं। इनकी तेजी से हाथ के खेमे में गजब की हलचल है। छोटे-बड़े सब हैरान हैं। पिछले कई महीनों से सुर्खियों में आने का किसी को मौका ही नहीं दे रहे हैं। इनकी गाड़ी रुक ही नहीं रही है। नई जमात शर्म से पानी-पानी हुई जाती है। ऐसा ही आलम रहा तो दिल की आस धरी रह जाएगी।
जारी है शिफ्टिंग का दौर
तोता तीखी मिर्च खाकर भी राम-राम बोलने का हुनर रखता है। गुटर गूं करने वाले कबूतर से ऐसी अपेक्षा कतई नहीं की जा सकती। कितना भी दाना डालो। संदेश साफ है, तोते पालने का शौक रखने वाले कबूतर को सिर्फ दाना डाले, उम्मीद कतई न पालें। ये कभी भी झटका दे सकता है। अंकल सैम हालिया गवाह हैं। तो जिससे न निभे किनारा कर लो। शिफ्टिंग का दौर शुरू हो चुका है। कमल दल वाले अब ''''कू'''' से चलाएंगे काम। पूरे प्रदेश में कमल टोला तेजी से कू पर शिफ्ट हो रहा है, बताया जा रहा है कि ऊपर से मैसेज है। इधर, इस बिगड़ैल कबूतर से हाथ वालों को अब भी उम्मीद नजर आ रही है। वैसे भी हाथ वालों की बत्ती देर से जगती है। जब लोग छोड़ रहे हैं तो ये पकड़ रहे हैं।
बादल क्यों गरजता है... गीत के मुखड़े का अंत, बिजली हम पर गिर जाएगी... से हाेता है। सो भइया यह बिजली ना जाने किस पर गिर जाए। खैर बादल अपने विभाग के लोगों से ही कुछ नाराज हैं। पता चला है कि मुखिया में स्पार्क ही नहीं है। तो जब स्पार्क नहीं होगा तो बिजली कैसे आएगी और गिरेगी कहां। चिंता तो करनी ही होगी। यही कारण है कि विभाग को चलाने के लिए किसी स्पार्क वाले व्यक्ति की तलाश चल रही है। सलाहगीरों ने सलाह दी है कि अभी-अभी सेहत वाले महकमे से बाहर निकले जांबाज खिलाड़ी को अपनी टीम में रख लीजिए। स्पार्क ही स्पार्क है। इतना तगड़ा स्पार्क कि हाफ किक में ऑटो स्टार्ट। वही दिसंबर चौदह वाला ऑटो जिसपर चढ़कर आप पहली बार अगली सीट पर लटककर सदन पहुंचे थे। खैर अब दिन अच्छे हुए और गाड़ी बड़ी हो गई तो अधिक स्पार्क की तलाश लाजिमी है।