Jharkhand News: हेमंत सोरेन के मंत्री मिथलेश ठाकुर को अयोग्य ठहराने का नोटिस भेज सकता है चुनाव आयोग
Jharkhand Politics भारत निर्वाचन आयोग झारखंड के मंत्री मिथलेश ठाकुर को अयोग्यता का नोटिस भेज सकता है। उनपर चुनाव के दौरान दाखिल किए गए शपथ पत्र में ब्योरा छुपाने के आरोप हैं। इस बारे में गढ़वा डीसी की ओर से दी गई रिपोर्ट संभवत आयोग ने खारिज कर दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Politics भारत निर्वाचन आयोग लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के उल्लंघन मामले में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर को नोटिस भेज सकता है। बताया जाता है कि आयाेग गढ़वा के उपायुक्त द्वारा भेजी गई रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। अब अगली कड़ी में आयोग मंत्री को इस मामले में नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।मंत्री के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई है कि उनके द्वारा 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने नामांकन फार्म में दिए गए ब्योरे के अनुसार वे मेसर्स सत्यम बिल्डर्स, पश्चिमी सिंहभूम के पार्टनर हैं। यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है।
मिथिलेश ठाकुर की कंपनी सत्यम बिल्डर्स द्वारा सरकार के साथ की गई कई संविदाएं विधानसभा निर्वाचन 2019 के दौरान अस्तित्व में थी। आयोग ने इसपर उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी थी। इधर, मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने बारे में सभी सही जानकारियां भरी थीं। उसे लेकर शपथ पत्र भी दाखिल किया था।
सांसद निशिकांत दूबे से ने एक बार फिर ट्वीट कर कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग मंत्री मिथिलेश ठाकुर को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। इससे पहले भी उन्होंने मंत्री को नोटिस भेजने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि आयोग इस मामले में गढ़वा के उपायुक्त के विरुद्ध भी कार्रवाई करेगा, क्योंकि जिला निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में उन्होंने उपायुक्त को क्लीन चिट दे दी थी।
झारखंड में गैर प्रशासनिक सेवा संवर्ग से दो अधिकारियों को आइएएस में प्रोन्नति देने का प्रस्ताव है और इसके लिए 30 जून तक संबंधित विभागों से नाम मांगे गए हैं। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने इसके लिए संबंधित विभागों से प्रस्ताव मांगे हैं। वर्ष 2021 के लिए रिक्त दो पदों के विरुद्ध नाम मांगे गए हैं और इसको लेकर कार्मिक ने सभी विभागों के साथ पत्राचार भी किया है। सूत्रों के अनुसार इसको लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग, गृह विभाग, ऊर्जा, श्रम नियोजन आदि विभागों के प्रमुखों को कार्मिक की ओर से पत्र गया है।