म्यूटेशन बिल का कांग्रेस के विधायकों ने किया विरोध, कहा- जनभावना के खिलाफ विधेयक Jharkhand Politics
झारखंड में सत्ता में शामिल कांग्रेस विवादित म्यूटेशन बिल पर सरकार के साथ नहीं दिख रही है। गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह भावना उभर कर...
रांची (राज्य ब्यूरो) । झारखंड में सत्ता में शामिल कांग्रेस विवादित म्यूटेशन बिल पर सरकार के साथ नहीं दिख रही है। गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह भावना उभर कर आई कि यह बिल लोकहित हित में नहीं है। विधायकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने म्यूटेशन बिल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से चर्चा करने का आश्वासन विधायकों को दिया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति दुरुस्त होते ही ऋण माफी के लिए 2000 करोड़ रुपए की राशि कृषि विभाग को उपलब्ध करा दी जाएगी।
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के नेतृत्व में मानसून सत्र के पूर्व हुई बैठक में लैंड म्यूटेशन बिल पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई। आमजन के विरोध को देखते हुए पार्टी ने यह निर्णय लिया कि इस बिल को लेकर सरकार से विचार-विमर्श कर ऐसा फैसला लेने का अनुरोध किया जायेगा। बैठक में बेरमो एवं दुमका विधानसभा उपचुनाव को लेकर गहन चिंतन-मंथन किया गया। पार्टी के सभी विधायकों को सत्र के बाद उपचुनाव में मजबूती के साथ लग जाने की बात कही गई एवं कैसे दोनों उपचुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो, इसको लेकर व्यापक रणनीति बनायी गई।
प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता शमशेर आलम ने बताया कि बैठक में विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न अवसरों पर जनहित के मुद्दों को झारखंड विधानसभा नियमावली एवं प्रक्रिया के तहत उठाने का भी निर्देश दिया गया। बैठक में किसान ऋण माफी को लेकर चर्चा हुई, जिसमें वित्त मंत्री के रूप में डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति थोड़ी और अच्छी हो जाए, तो एक माह के अंदर दो हजार करोड़ रुपए उपलब्ध करा दी जायेगी ताकि किसानों को ऋण माफी का लाभ मिल सके। बैठक में मंत्री सर्वश्री बन्ना गुप्ता, बादल, विधायक प्रदीप यादव, बंधु तिर्की, उमाशंकर अकेला, ममता देवी, पूर्णिमा नीरज सिंह, दीपिका पांडेय सिंह, सोनाराम सिंकू, रामचन्द्र सिंह, भूषण बाड़ा आदि उपस्थित थे।