झामुमो व भाजपा में तल्ख हुई राजनीति, आम मुद्दों से इतर घर और जमीन पर छिड़ी जंग
Jharkhand Political Update. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर जमीन खरीदने के मामले में केस के बाद तेज सिलसिला तेज हुआ। एक-दूसरे ने कितनी जमीनें खरीदी उसपर निशाना साध रहे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट काल ने झारखंड में भले ही राजनीतिक गतिविधियों को ठप किया है, लेकिन प्रमुख दलों के बीच चल रही जुबानी जंग दिन-ब-दिन तल्ख होती जा रही है। इसमें आम जन से जुड़े मुद्दों पर कतई बात नहीं हो रही है। फिलहाल मसला राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की घर और जमीन के मुद्दे पर जंग छिड़ी है। इसकी धुरी गोड्डा के भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता बने हुए हैं।
देवघर में एक जमीन को लेकर थाने में केस से इस तल्खी की शुरुआत हुई। आरोप भाजपा सांसद पर लगे। इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला परवान चढ़ा। भाजपा सांसद ने इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत उनके पूरे परिवार के जमीन के दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए सवाल उठाए। बहरहाल थाने तक मामला पहुंचने और भाजपा सांसद समेत तमाम वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने तीखे बयानों से पलटवार भी किया।
बयानों और आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला लगातार लंबा खिंचने से स्पष्ट हो गया है कि मामला जल्दी शांत होने वाला नहीं है। निशिकांत दुबे ने इस परिस्थिति पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि सैकड़ों एकड़ जमीन मुख्यमंत्री के परिवार को चास, बोकारो, धनबाद में लाख रुपये में मिल जाती है। उनके लिए न सर्किल रेट की जरूरत है, न छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट और इनकम टैक्स की आवश्यकता है।
उधर, इन आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी पलटवार करते हुए कहा है कि सीबीआइ से लेकर तमाम केंद्र की बड़ी एजेंसियां सरकार के अधीन है। वक्त बेवक्त डींग हांकते रहे हैं तो आरोप लगाने से पहले जांच कराइए। वैसे गरजने वाले बाद बरसते नहीं हैं।
दो दलों की भिड़ंत में कांग्रेस की फजीहत
गोड्डा के भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और झामुमो के बीच छिड़ी जुबानी जंग में कांग्रेस की खूब फजीहत हो रही है। दरअसल सांसद के खिलाफ दूसरा केस करने वाले व्यक्ति शशि सिंह को कांग्रेस ने ठग, गुंडा और ब्लैकमेलर करार देते हुए देवघर के पुलिस अधीक्षक को शिकायत की। पत्र देवघर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मुन्नम संजय ने जारी की है।
इसपर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने जिलाध्यक्ष को पत्र जारी करते हुए 72 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पर आरोप है कि वे भाजपा सांसद को लाभ पहुंचा रहे हैं। अगर इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो इस लड़ाई में देवघर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।