Move to Jagran APP

देखिए, 10 लाख के इनामी नक्‍सली का चेहरा; 77 मामलों में वांछित था जीवन कंडुलना

Jharkhand Police News माओवादी जीवन खूंटी जिले के रनिया थाना क्षेत्र स्थित जापुद गाव का रहने वाला है। पिछले 10 वर्षों से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। जीवन के सरेंडर के बाद भाकपा माओवादियों को बड़ा झटका लगा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 05:58 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 06:42 PM (IST)
देखिए, 10 लाख के इनामी नक्‍सली का चेहरा; 77 मामलों में वांछित था जीवन कंडुलना
Jharkhand Police News पुलिस ने रविवार को नक्‍सली जीवन को मीडिया के सामने पेश किया।

रांची, जासं। Jharkhand Police News झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति के तहत झारखंड पुलिस की नई दिशा नई पहल पर प्रतिबंधित सीपीआइ माओवादी जीवन कंडुलना ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस ने मीडिया के सामने उसे पेश किया। जीवन कंडुलना 10 लाख का इनामी माओवादी है। वह चक्रधरपुर से खूंटी तक सक्रिय था। वह 77 मामलों में वांछित था। मौके पर रांची डीसी छवि रंजन, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, ग्रामीण एसपी नौशाद आलम सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। माओवादी खूंटी जिले के रनिया थाना क्षेत्र स्थित जापुद गाव का रहने वाला है। पिछले 10 वर्षों से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।

loksabha election banner

जीवन के सरेंडर के बाद भाकपा माओवादियों को बड़ा झटका लगा है। सूबे में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जीवन कंडुलना भाकपा माओवादी संगठन में जोनल कमांडर पद पर था। सरेंडर कर चुका नक्सली झारखंड के खूंटी जिले के रनिया का रहने वाला है। वह सारंडा के जंगली इलाके में लगातार सक्रिय था। सारंडा इलाके में ही उसने रेड कॉरिडोर बना रखा था। जीवन कंडुलना को झारखंड पुलिस के अलावा ओड़‍िशा पुलिस भी तलाश कर रही है। कुछ दिन पहले झारखंड और ओड़िशा पुलिस ज्वाइंट ऑपरेशन भी चला रही थी।

हाल में चले सर्च ऑपरेशन में भाग निकला था जीवन

10 लाख रुपये के इनामी माओवादी जीवन कंडुलना की खोज के लिए पुलिस हाल के दिनों में जुटी हुई थी। करीब एक महीने पहले जीवन कंडुलना के होने की सूचना पर पोड़ाहाट जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। उस समय वह फरार हो गया था। पुलिस को भाकपा माओवादी जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के दस्ते के केड़ाबीर व स्वयंबारी की पहाड़ी में सक्रिय होने की खबर लगातार मिल रही थी। लंबे समय से जोनल कमांडर जीवन कंडुलना की तलाश पुलिस को तलाश थी।

बोयदा पाहन के सरेंडर के बाद से ही था सरेंडर की तैयारी में

जीवन कंडुलना बीते अक्टूबर माह में बोयदा पाहन के सरेंडर के बाद से ही खुद को सरेंडर करने की तैयारी में था। वह चाइबासा के गुदड़ी, पौड़ाहाट, बंदगांव के इलाके में सक्रिय था। जीवन के बारे में बताया जा रहा है कि वह पुलि‍स के संपर्क में लगातार रह रहा था। जीवन के सरेंडर के पीछे भी बोयदा की भूमिका बताई जा रही है। जीवन के सरेंडर से चाइबासा इलाके में सक्रिय भाकपा माओवादी दस्ते को बड़ा झटका लगा है। जीवन की गिनती माओवादियों के तेजतर्रार कमांडरों में होती है।

आंतरिक कलह की वजह से फाड़ हो रहा संगठन में

जीवन का सरेंडर के पीछे माओवादी संगठन में आंतरिक कलह की बात सामने आ रही है। फरवरी 2018 के बाद भाकपा माओवादी संगठन में कई फेरबदल हुए थे। इस दौरान गिरिडीह के पतिराम मांझी उर्फ अनल दा को कोल्हान के इलाके में भेजा गया था। पतिराम के कोल्हान आने के बाद उत्तरी छोटानागपुर जोन में सक्रिय कई उग्रवादियों को कोल्हान इलाके में भेजा गया था। संगठन में बाहर के उग्रवादियों के आने से स्थानीय कैडरों खासकर माओवादियों के आदिवासी कैडर में नाराजगी हो गई थी। संगठन के भीतर नाराजगी के कारण ही आदिवासी कमांडर रहे बोयदा पाहन, जीवन कंडुलना, जीतराय मुंडा जैसे माओवादी संगठन छोड़कर सरेंडर कर रहे हैं। संगठन में बाहर के उग्रवादियों के प्रभाव की वजह से आंतरिक कलह बढ़ रही है।

नाबालिग लड़की ने लगाया था यौन शोषण का आरोप

26 जनवरी 2018 को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में सुरक्षाबलों के जवानों ने एक नाबालिग लड़की को भी बरामद किया था। 13 साल की नाबालिग लड़की ने माओवादी कमांडर जीवन कंडुलना सहित उसके दस्ते पर एक साल से यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। लड़की से बर्तन और अपने कपड़े धुलवाने के अलावा उसके साथ जीवन और दस्ते के अन्य सदस्य राइफल की नोंक पर शारीरिक संबंध बनाते थे। 13 साल की लड़की ने बताया कि जीवन कंडुलना दस्ते में कुल 11 सदस्य हैं, जो पोड़ाहाट के जोगोबेड़ा, जोजोगड़ा, रायबेड़ा, सेरेंगदा आदि क्षेत्र में रहते हैं तथा सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों को बाधित करते हैं।

लड़की के बयान पर महिला थाने में नक्सली जीवन कंडुलना, रामबीर, कालिया, सूर्या समेत अन्य के खिलाफ पोक्सो एक्ट, दुष्कर्म व नक्सली धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इधर, करीब एक साल पहले चाइबासा जिले के कोल्हान इलाके की पुलिस ने एक नाबालिग को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाया है। नाबालिग लड़की पिछले दो साल से उनके कैद में थी। दो साल पहले नक्सलियों ने दस साल की मासूम लड़की का अपहरण कर उसे अपने दस्ते में शामिल किया था। इस दौरान दो साल तक नक्सली उसे अपनी हवस का शिकार बनाते रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.