Move to Jagran APP

TSPC Posters in Ranchi: पुलिस का सनसनीखेज खुलासा, पांच हजार में उग्रवादियों का पोस्‍टर लगा रहे बच्‍चे

राजभवन के पास तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) की ओर से पोस्टरबाजी करने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। इसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। टीएसपीसी इस पोस्टरबाजी की आड़ में छोटे-छोटे बच्चों को स्लीपर सेल बनाने की तैयारी कर रहा था।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 07:21 AM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 09:03 AM (IST)
TSPC Posters in Ranchi: पुलिस का सनसनीखेज खुलासा, पांच हजार में उग्रवादियों का पोस्‍टर लगा रहे बच्‍चे
राजभवन के पास तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी की ओर से पोस्टरबाजी के मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है।

रांची, जासं। राजभवन के पास तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) की ओर से पोस्टरबाजी करने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। इसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। टीएसपीसी इस पोस्टरबाजी की आड़ में छोटे-छोटे बच्चों को स्लीपर सेल बनाने की तैयारी कर रहा था। शुरुआत में बच्चों को पांच हजार रुपये देकर पोस्टर चिपकाने की जिम्मेवारी दी गई थी। बाद में उन्हीं बच्चों को अन्य उग्रवादी गतिविधियों में लगाया जाता, ताकि पुलिस उग्रवादियों तक न पहुंच पाए। हालांकि रांची पुलिस ने उग्रवादियों की इस मंशा को नाकाम कर दिया। पुलिस ने इस पोस्टरबाजी के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

loksabha election banner

गिरफ्तारी के लिए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर सिटी एसपी सौरभ के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। गिरफ्तार आरोपितों में खलारी थाना क्षेत्र के चदराधौड़ा निवासी सुनील उरांव, रातू के चिलदाग निवासी कालीचरण मुंडा, खलारी निवासी देवानंद मुंडा, रोशन मुंडा और चिलदाग निवासी राहुल मुंडा शामिल हैं। एसएसपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि कमजोर हो चुके टीएसपीसी के उग्रवादियों ने पांव जमाने के उद्देश्य से शहर में पोस्टरबाजी की। इसके लिए टीएसपीसी ने चतरा व रांची की सीमा पर बैठक कर पोस्टरबाजी की पूरी प्लाङ्क्षनग की गई थी। 

तीन-तीन हजार का पगार भी दिया

पकड़े गए आरोपित टीएसपीसी के लिए काम करते थे। इन्हें तीन-तीन हजार रुपये पगार भी दिया गया था। टीएसपीसी के एरिया कमांडर किशुन जी की ओर से इन्हें पूरे शहर में पोस्टरबाजी की जिम्मेवारी मिली थी। शुरुआत में बच्चों को इसके लिए लगाया गया था, लेकिन इसमें फेल रहने पर पुराने कैडरों को जोड़कर पोस्टरबाजी कराई गई। रांची के राजभवन क्षेत्र के अलावा, गोंदा, पिठोरिया, मांडर, रातू, पंडरा, सुखदेवनगर सहित अन्य इलाकों में भी पोस्टरबाजी की गई थी।   

पैसे की लालच में फिर बन गए उग्रवादी

पकड़े गए आरोपितों में सुनील उरांव पहले टीएसपीसी के आम्र्स दस्ते में था। उसे पुलिस ने जेल भेजा था। जेल से छूटकर वह संगठन से किनारे था, जबकि कालीचरण मुंडा हत्या के केस में जेल में बंद था। वहीं दोनों की दोस्ती थी। जेल से छूटने के बाद लाकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी आ गई। इस दौरान टीएसपी के एरिया कमांडर किशुन जी ने सुनील से संपर्क कर पैसे का लालच दिया। इस लालच में फिर से उग्रवादी बन गए। इसके बाद पूरे इलाके में बोलेरो और बाइक से घूम-घूमकर पोस्टरबाजी की। 

तीन दिनों तक लग रहे थे पोस्टर

बता दें कि 12 दिसंबर की देर रात टीएसपीसी की ओर से राजभवन की दीवार से सटे देवकमल अस्पताल की दीवार पर पोस्टर साटा गया था, जिसे 14 दिसंबर को देखा गया। पोस्टरबाजी में टीएसपीसी उग्रवादियों ने पुलिस, प्रशासन व कोल परियोजनाओं के खिलाफ बयानबाजी की है। पोस्टर में उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर, जोनल कमेटी लिखा गया था। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद उनकी पहचान की और सभी को दबोचा गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.