Jharkhand Police का बटन कैमरा-स्पीड लेजर गन फेल, अब नई खरीदने की तैयारी Ranchi News
झारखंड पुलिस के आधुनिकीकरण में प्रयोग जारी है। पूर्व में खरीदे गए करोड़ों के उपकरण शो-पीस बनकर रह गए हैं वहीं फिर नए उपकरणों की खरीद के लिए फिर से प्रयास किए जा रहे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड पुलिस के आधुनिकीकरण में प्रयोग जारी है। पूर्व में खरीदे गए करोड़ों के उपकरण शो-पीस बनकर रह गए हैं, वहीं फिर नए उपकरणों की खरीद के लिए प्रयास जारी है। बटन कैमरा तो ट्रायल में ही खत्म हो गया। अब इसकी जगह झारखंड पुलिस 136 वर्दी में टंगने वाले कैमरे खरीदने जा रही है। इसी तरह वाहनों की स्पीड लिमिट नापने वाले कैमरे भी पुलिस की शोभा ही बढ़ा रहे हैं। काम तो कुछ नहीं किया। अब आठ नए कैमरे खरीदे जाने हैं, जिनमें स्पीड के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण जांचने की भी व्यवस्था होगी।
पूर्व में खरीदे गए इन उपकरणों की ताजा स्थिति
- - बटन कैमरा : ये चंद दिन का मेहमान रहा। ट्रायल के दौरान ही असफल घोषित हो गया।
- - व्हील लॉक : कभी-कभार सड़क पर दिख जाता है। अमूमन इसका इस्तेमाल नहीं के बराबर है।
- - स्पीड लेजर गन : स्पीड लेजर गन अर्टिगा कार पर लगा हुआ है। इसके माध्यम से अब तक एक भी स्पीड लिमिट तोडऩे वालों को नहीं पकड़ा गया है।
- - इंटरसेप्टर : पुलिस का शो-पीस है। सिर्फ नाम का इंटरसेप्टर, काम अब तक कुछ नहीं किया। इस पर लगे कैमरे कोई करामात नहीं दिखा सके।
क्या था बटन कैमरा का उद्देश्य
- बटन कैमरा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की वर्दी में लगा होता है। इसमें चौराहे पर होने वाले विवाद में पुलिस व सामने वाले के बीच वाद-विवाद रिकार्ड होंगे। इससे यह साबित हो जाएगा कि दोषी पुलिसकर्मी था या सामने वाला। सामने वाले को पता भी नहीं चलेगा कि उसकी हर गतिविधियां कैमरे में कैद हो रही हैं। इस कैमरे के लगे होने से पुलिस भी संयमित होगी और आरोपित पर भी ठोस कार्रवाई होगी। ठीक यही काम वर्दी पर लगने वाला कैमरा भी करेगा।