डीएसपी ने पुलिस में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर उठाए सवाल, कहा- मैं जातीय भेदभाव का हुआ शिकार
रांची : खूंटी के स्पेशलाइज्ड इंडिया रिजर्व बटालियंस-2 (एसआइआरबी-2) के डीएसपी किशोर कुमार
रांची : खूंटी के स्पेशलाइज्ड इंडिया रिजर्व बटालियंस-2 (एसआइआरबी-2) के डीएसपी किशोर कुमार रजक ने लगातार तबादलों से परेशान होकर फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपनी पीड़ा साझा की है। उन्होंने सरकार की स्थानांतरण-पदस्थापन नीति पर भी सवाल उठाया है। ट्रांसफर पोस्टिंग में जाति-धर्म, पैसा-पैरवी का आरोप लगाया है। लिखा है कि बचपन से जातीय भेदभाव का शिकार तो नहीं हुआ, लेकिन अब महसूस होने लगा है। जोश, ऊर्जा, ईमानदारी, मेहनत व मेरिट बकवास लगने लगा है।
हालांकि, डीएसपी के इस पोस्ट से महकमे में जब सरगर्मी तेज हुई तो डीएसपी ने तत्काल उक्तपोस्ट को हटा दिया। लेकिन, जितनी देर तक फेसबुक पर उक्तपोस्ट रहा, सरकार व महकमा कटघरे में रहा और तरह-तरह के कमेंट आते रहे।
गौरतलब है कि किशोर कुमार रजक मूल रूप से बोकारो के रहने वाले हैं। दो माह पूर्व उनके साथ दो डीएसपी एक साथ एसआइआरबी-2 खूंटी में योगदान दिए थे। उनके साथियों का तबादला हो गया, वे वहीं पड़े हुए हैं और खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं।
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पत्नी ने मारपीट व प्रताड़ना को लेकर थाने में की थी शिकायत :
डीएसपी किशोर कुमार रजक पहले भी चर्चा में रहे हैं। रामगढ़ के महिला थाने में उनकी पत्नी ने मारपीट व प्रताड़ना की शिकायत की थी। हालांकि, काउंसिलिंग के बाद मामले को सुलझा लिया गया था और तब से पति-पत्नी साथ रहते हैं।
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फेसबुक पोस्ट पर डीएसपी ने जो लिखा :
बचपन से जातीय भेदभाव का शिकार नहीं हुआ था। अब पढ़-लिखकर कुछ बना हूं तो धीरे-धीरे अपनी सदियों से वंचित जाति के होने का एहसास कर रहा हूं। जोश, ऊर्जा, ईमानदारी, मेहनत, मेरिट ये सब बकवास लगने लगा है। यदि पैसा, पैरवी और किसी खास जाति का होना ही मेरिट है तो इसे कहां से लाऊं। एसआइआरबी-2 खूंटी में दो डीएसपी की एक महीने पहले ही पोस्टिंग हुई थी। उनलोगों का कल ट्रांसफर हो गया। एसआइआरबी में अभी मैं ही हूं सिर्फ। असम, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान ड्यूटी के लिए भेजा जा चुका हूं। झारखंड के भी कई जिलों में ड्यूटी कर चुका हूं। अब कहां ड्यूटी के लिए भेजा जाएगा, पता नहीं। बाकी मित्र की तरह स्थायी रूप से काम नहीं कर पा रहा हूं। मानसिक रूप से परेशान हूं।
जय ¨हद! जय भारत।
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