एक दिन पहले PM मोदी ने किया था शिलान्यास, अब हेमंत बोले-मेरी सरकार आई तो रद कर देंगे मंडल डैम करार
Hemant Soren. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि सीएम रघुवर दास ने बिहार के आगे घुटने टेक दिए हैं। झामुमो जल बंटवारे के मौजूदा फार्मूले का विरोध करेगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। पलामू के मंडल डैम को लेकर सूबे का राजनीतिक माहौल गर्म है। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने रविवार को तो यहां तक दावा किया कि डैम महज चुनावी स्टंट है। इससे सिर्फ बिहार को फायदा होगा। अगर उनकी पार्टी की सरकार राज्य में बनती है तो मंडल डैम का करार रद कर देंगे। योजना की समीक्षा की जाएगी। आरोप लगाया कि इस सरकार ने झारखंड के हितों को नजरंदाज किया है।
रघुवर दास ऐसे सीएम हैं जो दूसरे राज्य को झारखंड का पानी दे रहे हैं। मंडल डैम का 80 प्रतिशत से ज्यादा पानी बिहार को मिलेगा। झारखंड के हिस्से में सिर्फ विस्थापन आएगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा मंडल डैम के जल बंटवारे के वर्तमान फार्मूले का विरोध करेगा। सवाल उठाया कि आपने क्या ऐसा कोई सीएम देखा है, जो बाहर के लोगों को बुलाये और राज्य का सारा पानी उसके हाथों में सौंप दे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनता से जुड़े मामलों में संवेदनहीन है। ईचागढ़ डैम को लेकर भी भारी विरोध है। इससे केंद्र सरकार को अवगत कराया गया लेकिन सरकार ने परियोजना बंद नहीं की।
12 से पलामू में संघर्ष यात्रा : झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की संघर्ष यात्रा का अगला पड़ाव पलामू होगा। वे लगातार पांच दिन पलामू प्रमंडल के अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों में रोड शो करेंगे। इस दौरान वे मंडल डैम का विरोध कर रहे स्थानीय ग्र्रामीणों से भी मुलाकात कर सकते हैं। हेमंत सोरेन ने बताया कि राज्य सरकार के खिलाफ कई मुद्दे हैं जो वे आम लोगों के साथ साझा करेंगे। पलामू, गढ़वा, लातेहार जैसे सूखाग्र्रस्त क्षेत्र के किसानों के हक के पानी से बिहार के खेत लहलहाएंगे। जमीन झारखंड का जाएगा, गांव हमारे उजड़ेंगे। डूब क्षेत्र के इलाके में शहीद नीलांबर-पीतांबर का गांव चेमोसरिया भी आएगा।
घर के झगड़े मायने नहीं रखते, आजसू का स्वागत : झारखंड में विपक्षी महागठबंधन में आपसी विवाद को भी हेमंत सोरेन ने स्वीकारा। उन्होंने कहा कि घर के झगड़े मायने नहीं रखते। मकसद भाजपा को राज्य से बेदखल करना है। 17 जनवरी को संयुक्त विपक्ष की बैठक बुलाई गई है। समान विचारधारा वाले दलों को आमंत्रित किया गया है। आजसू पार्टी भी बैठक में आए तो हम स्वागत करेंगे। शर्त सिर्फ इतनी है कि इससे पहले आजसू पार्टी को सरकार में रहने का मोह छोडऩा होगा।