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ज‍िस मैदान में कभी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे धौनी लगाया करते थे चौके-छक्के, अब जान‍िए उसका कैसा है हाल

Jharkhand News कहते है एक खिलाड़ी के लिए मैदान ही उसका मंदिर होता है। ऐसे में अगर खिलाड़ी को मैदान ही न मिले तो उसकी तपस्या धरी की धरी रह जाएगी। कुछ इसी तरह का हाल है शहर के खिलाडिय़ों व बच्चों का।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Mon, 13 Dec 2021 02:08 PM (IST)Updated: Mon, 13 Dec 2021 02:08 PM (IST)
ज‍िस मैदान में कभी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे धौनी लगाया करते थे चौके-छक्के, अब जान‍िए उसका कैसा है हाल
जहां भारतीय क्रिकेट कप्तान धौनी ने लगाए चौके-छक्के, अब उसी मैदान की हो गई दुर्दशा

रामगढ़ (दिलीप कुमार सिंह)। Jharkhand News: कहते है एक खिलाड़ी के लिए मैदान ही उसका मंदिर होता है। वहां पर वह अपनी कठिन तपस्या कर आगे की राह बनाता है। ऐसे में अगर खिलाड़ी को मैदान ही न मिले तो उसकी तपस्या धरी की धरी रह जाएगी। कुछ इसी तरह का हाल है शहर के खिलाडिय़ों व बच्चों का। यहां पर एक अदद मैदान भी नहीं बचा है उन्हें अपना हुनर दिखाने को। एक मैदान था भी छावनी परिषद का तो वह अपनी दशा व दुर्दशा पर आंसू ही बहा रहा है। छावनी फुटबॉल मैदान का हाल देखकर यह ताज्जुब होता है कि इसी मैदान पर कभी दर्जनों बार भारतीय क्रिकेट टीम(Indian Cricket Team) के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी(Mahendra Singh Dhoni) अपनी प्रतिभा दर्शकों को कई टूर्नामेंट(Tournament) में दिखा चुके है। दर्शक भी धौनी(Dhoni) के चौके-छक्के देखकर आनंदित होते रहे हे।

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पूरे मैदान में गंदगी, बांस, बल्ली, बाजार, तंबू सहित अन्य सामान को रखा गया है:

जब-जब माही गगनचु्ंबी छक्के लगाते तब-तब माही-माही की आवाज चारों दिशाओं से आने लगते थे। इस दौरान सड़क पर जाते राहगीर भी मजबूरन मैदान में आकर उत्साह में शामिल हो जाते थे। इससे इतर वर्तमान समय में यह मैदान अपनी अस्तित्व को ही तलाश रहा है। यहां पर कोविड-19 के काल में सब्जी बाजार को शिफ्ट किया गया था। उसके बाद से यह बाजार यही पर संचालित है। मैदान तो अब मैदान रहा ही नहीं। पूरे मैदान में गंदगी, बांस, बल्ली, बाजार, तंबू सहित अन्य सामान को रखा गया है।

बच्चे व खिलाड़ी मैदान के बिना हो रहे है परेशान:

पूरे जिले के लोग यहां पर खरीदारी करने पहुंचते है। खास बात यह है कि मैदान के अंदर तो हालात जो है वह देखने लायक नहीं है। बाहर मुख्य सड़क के किनारे चारदीवारी के एक छोर से दूसरे छोर तक मिनी मार्केट का रूप ले लिया है। तमाम तरह की दुकाने, ठेला, खोमचा आदि लगाया गया है। इसके लिए छावनी परिषद की ओर से पांच रुपये से लेकर बीस रुपये तक का शुल्क भी लिया जाता है। ऐसे में मैदान की कल्पना भी करना बेकार है। मैदान की दशा देखकर मन सिहर उठता है। यह मैदान बच्चों को हमेशा प्रेरित करता था। जबकि छावनी परिषद अंतर्गत आठ वार्ड पड़ते है। इन वार्डों के बच्चे व खिलाड़ी मैदान के बिना परेशान हो रहे है।

कोविड-19 को लेकर सब्जी मार्केट को फुटबॉल मैदान में किया गया था शिफ्ट:

रामगढ़ के छावनी परिषद सीइओ एमएस हरिविजय ने कहा कि जल्द ही सभी दुकानदारों को न्यू बस पड़ाव के पीछे बनाए गए वेंडिंग जोन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए 316 वेंडिंग जोन बनाए गए है। यह निर्णय गत फरवरी माह में ही निर्वाचित वार्ड सदस्यों की उपस्थिति में बोर्ड की बैठक में लिया गया था। कोविड-19 को लेकर सब्जी मार्केट को फुटबॉल मैदान में शिफ्ट किया गया था।


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