Jharkhand: नक्सलियों को मिटाने को तैनात हैं 85 हजार CRPF-पुलिस जवान, लेकिन अभियान ठंडा
Jharkhand News झारखंड में कोरोना संक्रमण के चलते जहां नक्सलियों की गतिविधियां न के बराबर हैं वहीं उनके खिलाफ चल रहा अभियान भी ठंडा पड़ गया है। अभियान में शामिल पदाधिकारी-जवान अपने-अपने पिकेट में स्वास्थ्य लाभ रहे हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण थमते ही फिर नक्सल विरोधी अभियान तेज होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते जहां नक्सलियों की गतिविधियां भी नहीं के बराबर है, वहीं उनके खिलाफ चल रहा अभियान भी फिलहाल ठंडा पड़ा हुआ है। अभियान में शामिल पदाधिकारी-जवान अपने-अपने पिकेट में स्वास्थ्य लाभ रहे हैं और कोरोना वायरस से बचने संबंधित उपाय कर रहे हैं। अब कोरोना वायरस का संक्रमण थमते ही राज्य में एक बार फिर नक्सल विरोधी अभियान तेज होगा। उम्मीद जताई जा रही है कि जून में मानसून शुरू होते ही नक्सलियों के खिलाफ एक बार फिर पुलिस की घेरेबंदी शुरू हो जाएगी।
झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में झारखंड पुलिस व केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के 85 हजार 408 पदाधिकारी-जवान लगाए गए हैं। इन्हें स्पष्ट निर्देश प्राप्त है कि कोरोना महामारी के इस काल में वे पूरी सावधानी बरतें। पुलिस पिकेट व बैरक में भी मास्क व हैंड सैनिटाइजर अनिवार्य किया गया है। झारखंड पुलिस का फोकस अभी राज्य में चल रहे स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के दौरान विधि व्यवस्था संभालने पर है। इसके लिए पूरे राज्य में 998 चेक प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां 24 घंटे ई-पास व मास्क की चेकिंग चल रही है।
खनन क्षेत्रों में सुरक्षा पुलिस की प्राथमिकता
कोरोना वायरस का संक्रमण थमते ही राज्य सरकार के विकास कार्य भी तेज होंगे। स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के प्रतिबंधों से खनन क्षेत्र व उद्योग धंधे मुक्त हैं। नक्सलियों की गतिविधियां ज्यादातर खनन क्षेत्रों में ही हैं। वहां कोरोना का खौफ समाप्त होते ही नक्सली भी सक्रिय होंगे, जिसे देखते हुए पुलिस ने खनन क्षेत्रों की सुरक्षा केा प्राथमिकता दी है। सारंडा का क्षेत्र, लोहरदगा का बॉक्साइट क्षेत्र, कोयला खनन वाले क्षेत्रों में पुलिस की सक्रियता बढ़ेगी ताकि वहां नक्सली व अपराधी सक्रिय नहीं हो पाएं।