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देश के एक लाख गांवों में एक करोड़ परिवार बनेंगे गौ सेवक, एकल अभियान ने तैयार की वृहत योजना

RSS News गौशालाओं से लेकर एक परिवार को एक देसी गाय उपलब्ध कराई जाएगी। प्रारंभ में झारखंड के 10 एवं पश्चिम बंगाल के 6 प्रखंडों से इस योजना की शुरुआत की जाएगी। एक वर्ष तक इन गौवंश के भोजन एवं इलाज की व्यवस्था संस्था की ओर से की जाएगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 08:08 AM (IST)
देश के एक लाख गांवों में एक करोड़ परिवार बनेंगे गौ सेवक, एकल अभियान ने तैयार की वृहत योजना
गायों को वितरित करने का काम अगले वर्ष मार्च में शुरू किया जाएगा।

रांची, [संजय कुमार]। एकल अभियान ने ठान लिया है कि अब इस देश में गौमाता को कटने नहीं देंगे। इसके लिए पूरे देश में एकल अभियान से जुड़े एक लाख गांवों में एक करोड़ गौ सेवक परिवार तैयार करने की योजना बनाई गई है। इस योजना का उद्घाटन रविवार को उत्तर प्रदेश के गोवर्धन तीर्थ में साध्वी ऋतंभरा ने की। किसानों के बीच गायों को वितरित करने का काम अगले वर्ष मार्च में आयोजित एकल अभियान के श्री हरि सत्संग समिति के रजत जयंती समारोह के दिन से किया जाएगा।

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झारखंड के 10 एवं पश्चिम बंगाल के छह प्रखंडों से इसकी शुरुआत की जाएगी। प्रारंभ में 8 हजार देसी गौवंश का वितरण किया जाएगा, जो देश के गौशालाओं से लिए जाएंगे। एकल अभियान के संस्थापक श्यामजी गुप्त ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि 1998 में अशोक सिंहल जी ने कहा था कि चिंता मत करिए। इस देश को गौ माता बचाएगी और गाै माता को एकल बचाएगा। आज उनकी बात साकार होने जा रही है। एक वर्ष तक इन गौ वंश के भोजन एवं इलाज की व्यवस्था संस्था की ओर से की जाएगी।

इसके लिए शहरों में रहने वाले गै प्रेमी लोगों से अपील की गई है। प्रति गौवंश 25000 रुपये लोग देंगे। वैसे लोग गौ पालक कहलाएंगे। प्रारंभ में 20 करोड़ रुपये संग्रह करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें पहले ही दिन गौ पालकों से एक करोड़ रुपये संग्रह कर लिए गए। श्यामजी गुप्त ने कहा कि देश में ऐसी परिस्थितियां बना देंगे कि अगले तीन-चार वर्षों में भारत में एक भी गौ माता की हत्या नहीं होगी। सड़कों पर भटकती हुई गौवंश दिखाई नहीं देंगी।

भारत का गांव बनेगा आत्मनिर्भर

एकल ग्रामोत्थान योजना के राष्ट्रीय संयोजक ललन शर्मा ने कहा कि इस योजना से एक तरफ जहां गौवंश की रक्षा होगी, वहीं दूसरी ओर गांव के लोग भी आत्मनिर्भर बनेंगे। गौवंश से दूध के साथ-साथ उसके मूत्र एवं गोबर से भी आमदनी होगी। गाै सेवकों को कीट नियंत्रक, गोनाइल, गौ अर्क, दीया, जैविक खाद, धूपबत्ती आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस योजना का संचालन श्री हरि सत्संग समिति के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना से जुड़े कथाकार लोगों को प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। बाद में इनके उत्पादों को बाजार दिलाने का काम भी किया जाएगा। गौ मूत्र संग्रह केंद्र बनाया जाएगा। यहां से 10 रुपये प्रति लीटर इसे खरीद लिया जाएगा।

कोलकाता के रमेश सरावगी बनाए गए हैं अध्यक्ष

ललन शर्मा ने कहा कि एकल के इस वृहत अभियान के संचालन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। कोलकाता के बड़े व्यवसायी व एकल के पदाधिकारी रमेश सरावगी को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं कोलकाता के सज्जन बंसल को संरक्षक, सूरत के महेश मित्तल को सचिव, सुनील मनसिंघका को उपाध्यक्ष, नारायण अग्रवाल को कोषाध्यक्ष एवं ललित, ललन एवं प्रदीप सवाई को समिति का सदस्य बनाया गया है। यह समिति इस बात की चिंता करेगी कि गौ सेवकों के लिए राशि कहां से आएगी।


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