Lok Sabha Election 2019: जेपी पटेल को तुरंत दलबदल का मौका नहीं देगा झामुमो
Lok Sabha Election 2019. जेपी को फिलहाल नोटिस का उत्तर देने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया गया है। झामुमो छोड़कर दूसरे दल में गए तो विधायकी पर खतरा हो सकता है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Lok Sabha Election 2019 - गिरिडीह संसदीय सीट से टिकट नहीं मिलने के कारण झारखंड मुक्ति मोर्चा से बिदके मांडू के विधायक जयप्रकाश भाई पटेल आसानी से पसंदीदा दल में शिफ्ट नहीं कर पाएंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा उन्हें तकनीकी पेंच में फंसाकर ऐसा नहीं करने देगा। पटेल ने जैसे ही बागी तेवर अपनाए, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
नोटिस का उत्तर देने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया गया है। इस दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा उन्हें संगठन से सस्पेंड करेगा। ऐसी स्थिति में विधायक जयप्रकाश भाई पटेल अन्य दल का रूख नहीं कर पाएंगे। पसंदीदा दल में जाने के लिए उन्हें विधायकी से इस्तीफा देना पड़ेगा। बगैर इस्तीफा दिए उन्होंने अगर दूसरा दल ज्वाइन किया तो उनकी सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।
अकेले पड़ गए जेपी पटेल
जयप्रकाश पटेल ने मौके की नजाकत को देखते हुए भले ही मोदी का गुणगान किया, लेकिन वे संगठन के भीतर अकेले पड़ गए हैं। यहां तक कि उन्हें ससुर मथुरा प्रसाद महतो ने भी उनका साथ नहीं दिया। मथुरा प्रसाद महतो झामुमो के कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। जेपी पटेल के निर्णय को उन्होंने आत्मघाती कदम बताया है। उधर झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व भी जेपी पटेल को मनाने की कवायद नहीं करेगा।
विकास मुंडा भी फंसे हैं तकनीकी पेंच में
दलबदल कानून की जद में आने पर विधानसभा की सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। यही वजह है कि आजसू पार्टी के तमाड़ से विधायक विकास सिंह मुंडा चाहकर भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन नहीं कर पा रहे हैं। आजसू पार्टी ने उन्हें संगठन विरोधी गतिविधियों का आरोपी ठहराया है। इस सिलसिले में उन्हें संगठन से निलंबित किया जा चुका है।
अगर इस दौरान बगैर इस्तीफा दिए उन्होंने दूसरा दल ज्वाइन किया तो उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है। विकास सिंह मुंडा फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के संपर्क में हैं। कुछ दिन पूर्व उन्होंने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी। सबकुछ ठीकठाक रहा तो वे झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होंगे।