Jharkhand: हेमंत सोरेन ने कहा, कांग्रेस-झाविमो-राजद ने दिया धोखा
JMM. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद झामुमो ने रांची में समीक्षा बैठक की। इसमें चुनाव में मिली हार के कारणों को तलाशा गया। इसमें शिबू हेमंत व अन्य झामुमो नेता मौजूद रहे।
रांची, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों बुरी तरह परास्त हुई विपक्षी महागठबंधन की अंदरूनी हकीकत खुलकर सामने आने लगी है। रविवार को झामुमो JMM प्रमुख शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास में झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायकों की बैठक में यह बात जोरदार तरीके से उठी कि महागठबंधन में शामिल दलों को जितना सहयोग करना चाहिए था, वह नहीं हो पाया। जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन तमाम सीटों पर खुलकर सहयोग किया जहां विपक्षी दलों के प्रत्याशी खड़े थे।
ज्यादातर विधायकों की यह भी राय थी कि छह माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बगैर गठबंधन के झामुमो अकेले चुनाव मैदान में जाए। बैठक की समाप्ति के बाद झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन Hemant Soren ने इसे खुलकर स्वीकार भी किया। उन्होंने कहा कि जितना सहयोग मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया। वे विपक्षी महागठबंधन के सहयोगी दलों से इस मसले पर बैठक कर बातचीत करेंगे।
गौरतलब है कि झामुमो ने लोकसभा चुनाव में चार सीटों दुमका, राजमहल, गिरिडीह व जमशेदपुर सीट से प्रत्याशी खड़े किए थे। इसमें से मात्र एक सीट राजमहल पर ही जीत मिली। झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन अपनी परंपरागत सीट दुमका से भी मात खा गए। लोकसभा चुनाव में करारी पराजय, खासकर दुमका सीट हारने से झामुमो में खलबली मची है। इससे विपक्षी महागठबंधन के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह उठ खड़ा हुआ है।
बड़े भाई की भूमिका में रहेंगे, गठबंधन पर अभी फैसला नहीं
विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन जारी रहने के सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा कि सोमवार को होने वाली मोर्चा की केंद्रीय समिति की बैठक में इस मुद्दे पर विचार होगा। पार्टी रणनीति के तहत फैसला लेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि महागठबंधन जारी रहने की स्थिति में झामुमो बड़े भाई की भूमिका निभाएगा। मोर्चा पूरी ताकत से विधानसभा का चुनाव लड़ेगा। इस संबंंध में घटक दलों से बैठक में बातचीत की जाएगी। झामुमो विपक्ष में राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में हमारी जिम्मेवारी भी बड़ी है।
पार्टी की सभी इकाइयों खासकर युवा वर्ग और महिलाओं की अधिक से अधिक भूमिका तय की जाएगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग कयास लगा रहे हैं कि झामुमो समाप्त हो गया है। शिबू सोरेन भी हार गये हैं। लेकिन ऐसी स्थिति पहले भी आई थी। झामुमो पहले भी समाप्त नहीं हुआ बल्कि और आगे बढ़ा है। हार और जीत अपनी जगह पर है। इससे हतोत्साहित होने की बजाय सभी विधायक उत्साह के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटेंगे। लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर नुकसान हुआ है लेकिन हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है। झामुमो की 11 विधानसभा सीटों पर जीत हुई है।
भाजपा के पास नोट छापने की मशीन, बैलेट पेपर से चुनाव कराने की वकालत
झामुमो ने ईवीएम पर प्रश्न चिन्ह उठाते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की वकालत की है। हेमंत सोरेन ने कहा कि चुनाव में भाजपा ने धनबल का प्रयोग किया। भाजपा के पास नोट छापने वाली मशीन है। कई एजेंसियोंं, पेड स्टाफ के माध्यम से उसने अपना षड्यंत्र लोगों तक पहुुंचाया। एक बार फिर से जनता छली गई। कर्नाटक में नगर निकाय के चुनाव परिणाम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर के जरिए हुए चुनाव में कांग्र्रेस congress ने शानदार बढ़त हासिल की है जबकि भाजपा बुरी तरह पिछड़ गई है।
दो को छोड़ सारे विधायक थे मौजूद
बैठक में झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, चंपाई सोरेन, जगरनाथ महतो, नलिन सोरेन, सीता सोरेन, कुणाल षाडंगी, रविंद्रनाथ महतो, सीमा महतो, बबीता महतो, जोबा माझी, दीपक बिरूआ, दशरथ गगराई, शशिभूषण सामड, निरल पूर्ति, पौलुस सुरीन, साइमन मरांडी आदि मौजूद थे। विधायक स्टीफन मरांडी और चमरा लिंडा बैठक में मौजूद नहीं थे।
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