दिल्ली में हंसकर बोले CM हेमंत सोरेन, सब बढ़िया है... केंद्र से मतभेद सुलझने के संकेत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सोमवार देर शाम नई दिल्ली में मुलाकात की। सीएम ने ट्वीट कर गृह मंत्री के साथ मुलाकात को औपचारिक बताया। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत ने केंद्रीय गृह मंत्री से केंद्र और राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren in Delhi, Hemant Soren Meet with Amit Shah मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सोमवार देर शाम नई दिल्ली में मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर केंद्रीय गृह मंत्री के साथ मुलाकात को औपचारिक बताया। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत ने केंद्रीय गृह मंत्री को झारखंड में कोरोना प्रबंधन की जानकारी दी। बताया कि कोरोना टीकाकरण के लिए झारखंड में 129 केंद्र तैयार हैं। उन्होंने झारखंड में टीकाकारण केंद्रों की संख्या और टीका का कोटा बढ़ाने की भी मांग की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र और राज्य के विभिन्न मुद्दों पर भी इस दौरान चर्चा की।
आज केंद्रीय गृह मंत्री आदरणीय श्री @AmitShah जी से दिल्ली में शिष्टाचार मुलाकात हुई। pic.twitter.com/rE7KRHp782
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 18, 2021
केंद्र से बेहतर समन्वय की कवायद, नीतिगत मसलों पर मतभेद सुलझाने की पहल
केंद्र और झारखंड सरकार के बीच कई नीतिगत मामलों पर मतभेद है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुआवजे और दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बकाये पर केंद्र के रुख ने इस तल्खी को और बढ़ा दिया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हालिया मुलाकात को इस तल्खी को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को नई दिल्ली में कोयला और खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात कर इस प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया है।
खनिज संसाधनों से भरपूर झारखंड के लिए इन क्षेत्रों में समन्वय महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि केंद्रीय मंत्रियों ने इसमें रुचि दिखाते हुए पहल की है। केंद्रीय मंत्री ने झारखंड से खनन क्षेत्र में सहयोग की गुजारिश करते हुए यह भी अपेक्षा की है कि परस्पर सहयोग से कार्य को धरातल पर उतारेंगे। गौरतलब है कि कॉमर्शियल माइनिंग को लेकर झारखंड ने आपत्ति जताई है।
इसके अलावा बिजली आपूर्ति के मद में डीवीसी के बकाया को लेकर भी झारखंड ने कड़ा रुख अपनाया है। झारखंड के आग्रह को दरकिनार करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने दो किस्तों में बकाया राशि सीधे आरबीआइ खाते से काटी है। हालांकि, डीवीसी ने लचीला रवैया अपनाते हुए बकाये को लेकर झारखंड के दावे के अनुरूप 1400 करोड़ से ज्यादा की राशि कम की है। इन परिस्थितियों में लग रहा है कि संबंध सामान्य करने की दिशा में भविष्य में प्रयास और तेज होंगे।
झारखंड की अपेक्षा जीएसटी मुआवजा और कोयले की रॉयल्टी को लेकर है। झारखंड लगातार अपनी अपेक्षा से केंद्र को अवगत करा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दिल्ली दौरा भी इसे गति देगा। केंद्रीय मंत्रियों संग संवाद बढऩे से झारखंड को अपना पक्ष रखने में सहूलियत होगी। समन्वय बेहतर होने से राज्य में चल रहीं योजनाओं के लिए भी राशि आवंटित कराने में सहूलियत होगी।