झारखंड में अपराध बेलगाम, 11 महीने में 1657 महिलाएं-बच्चियां बनी हैवानियत की शिकार
Jharkhand Misdeed Case News झारखंड में प्रत्येक माह 150 से अधिक महिलाओं की अपराधियों ने इज्जत तार-तार की। लॉकडाउन के दौरान जब पुलिस-प्रशासन विशेष तौर पर चौकन्ना था उस समय भी झारखंड में दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुकीं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में अपराध और अपराधी बेलगाम हैं। आए दिन घट रहीं दुष्कर्म, हत्या व हैवानियत की घटनाओं ने प्रदेश की विधि-व्यवस्था को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। झारखंड पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 11 महीने (जनवरी 2020 से नवंबर 2020) में राज्य में 1657 महिलाएं-बच्चियां हैवानियत की शिकार बनी हैं। यानी हर महीने औसतन 150 व प्रतिदिन पांच महिलाओं-बच्चियों के साथ हैवानियत हुई है। राज्य की पुलिसिंग व कानून व्यवस्था की पोल खोलने के लिए ये आंकड़े काफी हैं, जो बताते हैं कि यहां कानून का राज नहीं चल रहा।
राज्य में घटित दुष्कर्म के ये मामले तब के हैं, जब कोरोना जैसी महामारी को लेकर पूरे प्रदेश में लॉकडाउन की स्थिति थी। अप्रैल 2020, जब आवश्यक सेवाओं को छोड़कर राज्य में लगभग हर तरह की गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ी थी और एहतियात के तौर पर पुलिस-प्रशासन विशेष तौर पर चौकन्ना था, तब भी दुष्कर्म की घटनाएं नहीं रुकी। सिर्फ अप्रैल महीने की बात करें तो 104 महिलाएं-बच्चियांइसकी शिकार हुईं।
पति के सामने ही 17 लोगों ने किया दुष्कर्म, साध्वी भी नहीं बची
बीते वर्ष दुमका में एक विवाहिता से 17 लोगों ने उसके पति के सामने ही दुष्कर्म किया। गोड्डा के महर्षि मेंही आश्रम में एक साध्वी से जहां सामूहिक दुष्कर्म हुआ, वहीं साहिबगंज के बरहेट व दुमका में एक-एक नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। इसी तरह गुमला में एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के अलावा राज्य के अन्य इलाकों में घटी दुष्कर्म की दर्जनों घटनाओं ने पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींचा।
किस जिले में दुष्कर्म की कितनी घटनाएं
रांची : 213
हजारीबाग : 129
गढ़वा : 114
पूर्वी सिंहभूम : 102
साहिबगंज : 100
गिरिडीह : 81
धनबाद : 72
बोकारो : 72
दुमका : 29
गोड्डा : 38
जामताड़ा : 18
देवघर : 64
पाकुड़ : 40
चतरा : 65
कोडरमा : 28
रामगढ़ : 33
खूंटी : 28
गुमला : 84
सिमडेगा : 33
लोहरदगा : 52
पश्चिमी सिंहभूम : 92
सरायकेला : 24
पलामू : 91
लातेहार : 55
गढ़वा : 129
कुल 1657