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Haji Hussain Ansari Died: झारखंड के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की मौत, मेदांता में थे भर्ती

Jharkhand Coronavirus Update अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मंत्री कोरोना संक्रमित थे। उनका रांची के मेदांता अस्‍पताल में इलाज चल रहा था। हाजी हुसैन अंसारी झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे। हाजी हुसैन अंसारी झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 04:14 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 07:51 PM (IST)
Haji Hussain Ansari Died: झारखंड के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की मौत, मेदांता में थे भर्ती
झारखंड के अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो।  झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह झामुमो के वरिष्ठ नेता हाजी हुसैन अंसारी कोरोना को हराकर जिंदगी की जंग से हार गए। शनिवार को अपराह्न 3.40 बजे रांची के मेदांता अस्पताल में उनका निधन हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद 23 सितंबर को उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया था। वहां आइसीयू में उनका इलाज चल रहा था। शुक्रवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव भी आई थी, जिससे लग रहा था वे शीघ्र पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे। हालांकि डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी।

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शनिवार को झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। 72 वर्षीय हाजी हुसैन अंसारी कोरोना संक्रमण के अलावा डायबीटिज की समस्या से भी जूझ रहे थे। वहीं, कोरोना का संक्रमण फेफड़े में पहुंच गया था। बताया जाता है कि वे ह्रदय रोग की समस्या से भी ग्रसित थे और उनकी सर्जरी भी हुई थी। इधर, उनके निधन की सूचना मिलते ही झामुमो के कई नेता, कार्यकर्ता मेदांता अस्पताल पहुंच गए। मंत्री मिथिलेश ठाकुर, झामुमो के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य आदि भी अस्पताल पहुंचकर उनके बेटे व परिवार के सदस्यों, शुभचिंतकों को ढाढ़स बंधाने का काम किया।

चार बार विधायक और मंत्री रहे अंसारी

हाजी हुसैन अंसारी मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक चुने गए थे। उन्हें चार बार मंत्री बनने का भी मौका मिला। 1995 में पहली बार वे विधायक चुने गए थे। इसके बाद वर्ष 2000, 2009 एवं 2019 के विधानसभा चुनाव में भी मधुपुर से जीत हासिल की। कांग्रेस से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले हाजी हुसैन अंसारी 90 के दशक में झामुमो में शामिल हो गये थे। अंसारी पृथक झारखंड आंदोलन के दौरान काफी सक्रिय रहे थे। इस दौरान वे जेल भी गए।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के विश्वासपात्र नेताओं में अंसारी की गिनती होती है। हाजी हुसैन अंसारी झारखंड की हज कमेटी के चेयरमैन भी रहे हैं। उनका जन्म दो मार्च 1948 को मधुपुर के पिपरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम हाजी पैगाम अंसारी और माता का नाम सलमा बीबी था। इनकी चार संतान हैं जिनमें तीन पुत्री व एक पुत्र शामिल हैं।

राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेद्ध को अपूरणीय क्षति

राज्यपालराज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर गहरा दुख एवं शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं उनके परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करें।

झारखंड आंदोलन में निभाई अग्रणीय भूमिका

सीएम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वे उनके निधन से अत्यंत आहत हुए हैं। उन्होंने कहा, हाजी साहब ने झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी। वे सरल स्वभाव वाले जन नेता थे। परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिजनों को दुख की इस घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। 

मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की शनिवार को मौत की खबर मिलते ही मातम पसर गया है। मंत्री कोरोना संक्रमित थे। उनका रांची के मेदांता अस्‍पताल में इलाज चल रहा था। हाजी हुसैन अंसारी झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री थे। बताया गया है कि शुक्रवार की शाम इनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके बाद उन्‍हें उपचार के लिए मेदांता में भर्ती कराया गया था।

बता दें कि देवघर जिले के मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हाजी हुसैन 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार में अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री बने। वे चौथी बार मंत्री बने। उसके बाद कहा जा रहा था कि छोटा विभाग मिलने से वे प्रभार ग्रहण नहीं कर रहे हैं और कार्यालय भी नहीं जा रहे हैं।

कोरोना से राज्य के पहले मंत्री की हुई मौत

ऐसी सूचना है कि परिजन मंत्री के शव को मधुपुर के लिए लेकर निकले हैं। वहीं अंतिम संस्कार होने की सूचना आ रही है। उन्‍हें शुगर, हार्ट की समस्या और फेफड़े में संक्रमण था। बीते दिन की जांच में उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आयी थी, जिसके बाद भी स्थिति गंभीर थी। आज शाम 3:40 बजे उनकी मौत हो गई। मेदांता में क्रिटिकल केयर के डॉ तापस कुमार और उनकी टीम की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। प्रबंधन के अनुसार, कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हुई है।

1995 में पहली बार चुने गए थे मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक

हाजी हुसैन अंसारी पृथक झारखंड आंदोलन के दौरान सक्रिय रहे और जेल भी गए। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के विश्वासपात्र नेताओं में अंसारी की गिनती होती है। उनका जन्म दो मार्च 1948 को मधुपुर के पिपरा गांव में हुआ था। पिता का नाम हाजी पैगाम अंसारी और माता का नाम सलमा बीबी है। वर्ष 2000, 2009 एवं 2019 के विधानसभा चुनाव में भी मधुपुर से उन्‍हाेंने जीत हासिल की थी। 2014 में भी हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में वे मंत्री थे।

कोरोना वायरस के शुरुआती दौर में मंत्री हाजी हुसैन तब चर्चा में आए थे, जब नई दिल्ली के निजामुद्​दीन में तब्लीगी जमात (धार्मिक सम्मेलन) में शामिल लोगों की सूची में उनके बेटे का नाम शामिल था। इसके बाद इसकी चर्चा पूरे झारखंड में होने लगी थी। उस समय नई दिल्ली ने झारखंड सरकार को जो सूची सौंपी थी, उसमें झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के बेटे मोहम्मद तनवीर का भी नाम शामिल था।

इधर, हाजी हुसैन क निधन पर झारखंड के मुख्‍यमंत्री समेत कई नेताओं ने दुख प्रकट किया है। सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा है कि सरकार में मेरे साथी मंत्री आदरणीय हाजी हुसैन अंसारी साहब जी के निधन से अत्यंत आहत हूँ। हाजी साहब ने झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाई थी। वह सरल भाव और दृढ़ विश्वास वाले जन नेता थे। परमात्मा हाजी साहब की आत्मा को शांति प्रदान कर परिवार को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे।

पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन की दुखद सूचना मिली। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।

झारखंड के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता ने ट्वीट कर कहा कि झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का निधन झारखंड और मेरे लिए एक अपूरणीय क्षति है। इस दुखद घटना ने दिल को झकझोर कर रख दिया है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों और शुभचिंतकों को दुख सहने का साहस दे। ॐ शांति।


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