Move to Jagran APP

Jharkhand Lockdown: लॉकडाउन में बड़ी राहत... अब इन लोगों को नहीं होंगी मुश्किलें...

Jharkhand Lockdown झारखंड में 27 मई तक लॉकडाउन लागू है। ऐसे में वरिष्‍ठ नागरिकों की मुश्किलें कम करने के लिए राहत दी गइ्र है। रांची उपायुक्त छवि रंजन ने वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है जहां वाॅलेंटियर्स उनकी सहायता करेंगे। जल्द से जल्द उन तक सहायता पहुंचाई जाएगी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 05:16 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 05:18 AM (IST)
Jharkhand Lockdown: लॉकडाउन में बड़ी राहत... अब इन लोगों को नहीं होंगी मुश्किलें...
Jharkhand Lockdown: झारखंड में 27 मई तक लॉकडाउन लागू है। वरिष्‍ठ नागरिकों को बड़ी राहत दी गई है।

रांची, जासं। वैश्विक महामारी कोरोना के नियंत्रण के लिए पूरे राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू है। जिलावासियों को रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं एवं अन्य सुविधाएं घर तक पहुंचाने की पर्याप्त व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने एक नई पहल की है। इसके तहत सीनियर सिटीजन अर्थात वयोवृद्ध नागरिकों की सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। रांची उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन नंबर का लाभ उठाएं। वाॅलेंटियर्स आपकी सहायता करेंगे। डीसी छवि रंजन ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों को घरों से आवश्यक होने पर ही निकलने की जरुरत है। बुजुर्गों को समस्या हो तो हेल्पलाइन नंबर पर काॅल करें। जल्द से जल्द उन तक सहायता पहुंचाई जाएगी।

loksabha election banner

वरिष्ठ नागरिक निम्न नंबरों पर कर सकते हैं काॅल

सीनियर सिटीजन के लिए रांची जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए नंबर पर वयोवृद्ध नागरिक कॉल कर सकते हैं, यह नंबर 9693859914 और 9608916492 हैं। यह मोबाइल नंबर सुबह 09:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक कार्यरत रहेंगे। इन हेल्पलाइन नम्बरों पर कॉल कर जरूरतमंद बुजुर्ग नागरिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

होटवार जेल में बंद 500 कैदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ने की तैयारी

कोरोना संक्रमण का दूसरा लहर थम रहा है। हालांकि, इसके बावजूद खतरा पूरी तरह टला नहीं है। संभावित खतरे को देखते हुए बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल, होटवार में बंद 500 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ने की तैयारी चल रही है। ऊपरी अदालत के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार जेल प्रबंधन के साथ मिलकर बंदियों की लिस्ट तैयार कर रहा है। जघन्य अपराध जैसे अपहरण, हत्या, दुष्कर्म, नक्सल गतिविधि में शामिल अपराधियों को नहीं छोड़ा जायेगा। सिर्फ सात तक की सजा वाले अपराध में ही बंदियों को ही अंतरिम जमानत या पेरोल पर निर्धारित अवधि के लिए छोड़ा जायेगा।

सात साल तक की सजा वाले कैदियों को बड़ी राहत

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक कुमार ने बताया कि जेल में संक्रमण न फैले इसको देखते हुए सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से यह कदम उठाया गया है। छोटे-छोटे अपराधों में बंद विचाराधीन कैदियों को 45 दिनों के अंतरिम जमानत पर छोड़ा जायेगा। बंदियों को व्यक्तिगत बॉंड पर छोड़ा जायेगा। वहीं, अधिक सजा वाले विचाराधीन बंदियों को 90 दिनों के पेरोल मिलेगा। जिनके पैरवीकार कोई नहीं, उसका डालसा करेगा मददअभिषेक कुमार के अनुसार बंदियों का लिस्ट तैयार होते ही छोड़ने की कार्रवाही शुरू हो जायेगी। जिन बंदियों के पैरवीकार कोई नहीं हैं उनकी पैरवी प्राधिकार करेगा। बंदियों को हर संभव कानूनी मदद उपलब्ध करायी जायेगी। वहीं, जमानत अवधि पूरी होने के बाद के बाद कैदियों को अदालत में सरेंडर करना होगा। इसका उलंघन करने वाले बंदियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.