Jharkhand Lockdown New Guidelines: पढ़ें- लॉकडाउन की नई गाइडलाइन... पुलिस ने पटकीं लाठियां
Jharkhand Lockdown New Guidelines मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही रांची में पहले से ज्यादा सख्ती बढ़ गई। गुरुवार की दोपहर 2 बजे से पहले ही रांची पुलिस प्रशासन ने फ्लैग मार्च शुरू कर दिया।
रांची, जासं। Jharkhand Lockdown New Guidelines मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन, स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही रांची में पहले से ज्यादा सख्ती बढ़ गई। गुरुवार की दोपहर 2:00 बजे से पहले ही रांची पुलिस प्रशासन ने फ्लैग मार्च शुरू कर दिया। रांची के डीसी छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा भी सड़कों पर उतरे। सिटी डीएसपी सहित अन्य अधिकारियों के साथ अल्बर्ट एक्का चौक से लेकर डोरंडा राजेंद्र चौक तक पैदल फ्लैग मार्च किया। इस फ्लैग मार्च में 50 बाइक दस्ता, पीसीआर सभी थानों के थानेदार सहित कई पुलिस अधिकारी शामिल हुए। फ्लैग मार्च के दौरान पुलिस सायरन बजाकर और लाउडस्पीकर से सरकार द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए चेताया गया कि 2:00 बजे तक सारी दुकाने बंद कर दी जाएगी। जबकि 3:00 बजे के बाद सड़क पर नजर आने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। लोगों को कोरोना से बचाव के लिए सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करने की चेतावनी दी गई।
पुलिस प्रशासन के सड़क पर उतरने से रांची की सभी सड़कें पुलिस छावनी में तब्दील दिखी। प्रशासन की इस तैयारी के साथ ही 3:00 बजे के बाद पूरे शहर में सन्नाटा पसर गया। लोग अपने अपने घरों में चले गए। एसएसपी एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा स्वस्थ सुरक्षा सप्ताह के दूसरे चरण पर पुलिस की प्रतिनियुक्ति बढ़ा दी गई है। सभी इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। अनावश्यक सड़क पर निकलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सड़क पर निकलने के लिए पुलिस को उचित कारण बताना होगा। कोरोना को हराने के लिए शहर वासियों को सरकार के गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।
शहर के सभी प्रमुख सड़कों पर किया फ्लैग मार्च
पुलिस-प्रशासन द्वारा मेन रोड के अलावा सभी प्रमुख सड़कों पर फ्लैग मार्च किया गया। अल्बर्ट एक्का चौक से डोरंडा राजेंद्र चौक तक के फ्लैग मार्च के बाद पुलिस प्रशासन की टीम ने हरमू रोड में भी फ्लैग मार्च किया। वहां से निकलकर अधिकारी और पुलिस बल कचहरी चौक से रेडियम लालपुर तक पहुंची। इसके बाद कोकर चौक होते हुए बरियातू रोड तक पुलिस ने फ्लैग मार्च किया इस दौरान इलाके की सभी दुकानदारों को निर्धारित समय में दुकानें बंद करने का निर्देश दिया।
3 बजे के बाद की गई सघन चेकिंग
सरकार द्वारा सड़कों पर निकलने की प्रतिबंध के मुताबिक पुलिस ने दोपहर 3:00 बजे के बाद सघन चेकिंग की शुरुआत कर दी। चेकिंग के दौरान सड़क पर नजर आने वालों से उनसे निकलने का कारण पूछा गया। इस दौरान अधिकतर लोग अस्पताल, दवा खून और प्लाज्मा की व्यवस्था के लिए ही सड़कों पर नजर आए। कुछ लोग अनावश्यक सड़क पर नजर आए, उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा गया।
पुलिस को देखते ही धड़ाधड़ गिरने लगे दुकानों के शटर
पुलिस की फ्लैग मार्च शुरू होते ही दोपहर 2:00 बजे दुकानों की शटर धड़ाधड़ गिरने लगी। लोग जल्दी-जल्दी अपने काम खत्म कर जाते दिखे। दुकानदार और व्यवसायी अपने घरों का रुख करते नजर आए। इस तरह पुलिस की सख्ती के बीच स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का अनुपालन करवाया गया।
लॉकडाउन का दिखा असर, सुरक्षा बलों ने किया फ्लैग मार्च
ये कैसा मंजर छाया है। भागते दौड़ते शहर को आखिर किसकी नजर लग गई। बुधवार को घड़ी की सुई जब तक तीन पर पहुंचती। पूरा शहर वीरान हो गया। दुकानों के शटर गिर गए। लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए। अगर कहीं लोग दिखाई दे रहे थे तो वह बस केवल श्मशान और कब्रिस्तान में। अलग-अलग अस्पतालों के बाहर बस एक सा नजारा रहा। चीख-पुकार और इंतजार। कोई किसी की सुध लेने वाला नहीं। कोई किसी को ढांढस बंधाने वाला नहीं। राजधानी रांची में एक-एक दिन में कोरोना के 17 सौ से अधिक मामले आ रहे हैं।
सरकारी रिकॉर्ड में मौत का आंकड़ा हर दिन अर्धशतक लगा रहा है। श्मशान और कब्रिस्तान की हकीकत आंकड़ों से बहुत आगे की कहानी बयां कर रही है। गंभीर रूप से बीमार लोग जिंदगी की डोर थामे रखने के लिए एक-एक सांस की जद्दोजहद करते दिखे। हालात से निपटने के लिए झारखंड सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू कर रखा है। बुधवार से इसे और सख्त कर दिया गया।
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के विकल्प के रूप में दवाओं के साथ्र प्रतिबंध का सहारा लिया जा रहा है। शहर के आम नागरिक से लेकर व्यवसायी वर्ग तक आगे आकर सरकार के फैसले के साथ खड़ा है। किसी भी कीमत पर हर जान की हिफाजत एकमात्र लक्ष्य है। विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों के जवान खाली सड़कों पर फ्लैग मार्च कर रहे हैं। सबकी बस एक कोशिश है किसी तरह से हालात नियंत्रण में बने रहें।
दोपहर एक बजे स्थान : अपर बाजारस्थिति : लोग राशन की दुकानों पर घरेलू सामानों की खरीदारी करते हुए दिखे। बाजार में जहां-तहां लोग दिखाई दे रहे थे। लोगों में सामन लेकर जल्द से जल्द अपने घरों की ओर लौटने की जल्दबाजी दिखाई दे रही थी। दुकानदार सामान देने के साथ इसे समेटने में जुटे थे।
दोपहर डेढ़ बजे स्थान : नागाबाबा खटालस्थिति : लोग बाजार से अपने-अपने घरों के लिए सब्जियों की खरीदारी करते हुए दिखे। सब्जियां लेने के साथ-साथ बाजार से जल्दी निकलने की तैयारी चल रही थी। सब्जी विक्रेता भी सरकार के निर्देश का अनुपालन करने के लिए अपनी दुकानें बंद करने की तैयारी में जुटे थे।
दोपहर ढ़ाई बजे स्थान : मेन रोड, स्टेशन रोड, ओवर ब्रिजस्थिति : दोपहर के ढ़ाई बजते-बजते लोग अपने-अपने घरों की ओर लौट चुके थे। सड़के वीरान हो गई थी। एक्का-दुक्का लोग ही अपने वाहनों के साथ आते-जाते दिखाई दे रहे थे। शहर के कई इलाकों में दोपहर बाद आने-जाने वाले लोगों को रोक कर पुलिस के जवान पूछताछ करते हुए दिखाई दिए।
अपराह्नन तीन बजे स्थान : अल्बर्ट एक्का चौक स्थिति : सड़कों पर प्रशासन उतर गया था। सुरक्षा बलों के जवाब फ्लैग मार्च कर रहे थे। पैदल चलने वाले जवानों के साथ-साथ बाइक पर जवानों का काफिला मार्च करता हुआ दिखा। अधिकारी खुद जवानों का नेतृत्व करते हुए दिखे। कई जगह अधिकारी स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण के लिए शारीरिक दूरी बनाकर रणनीति बनाते हुए दिखे।