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Jharkhand Lockdown @ 3 June: 3 जून तक झारखंड में लॉकडाउन, यहां देखें नई गाइडलाइन

Jharkhand Lockdown 3 June झारखंड में लॉकडाउन 3 जून तक बढ़ा दिया गया है। इस बार कई रियायतों के साथ लॉकडाउन बढ़ाया गया है। सबसे बड़ी राहत ई-पास के लिए दी गई है। अब जिले में आने-जाने के लिए ई-पास की जरूरत नहीं होगी। यहां देखें नई गाइडलाइन...

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 02:32 AM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 10:28 AM (IST)
Jharkhand Lockdown @ 3 June: 3 जून तक झारखंड में लॉकडाउन, यहां देखें नई गाइडलाइन
Jharkhand Lockdown @ 3 June: झारखंड में लॉकडाउन 3 जून तक बढ़ाया गया है। इनको ई-पास की जरूरत नहीं होगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Lockdown @ 3 June झारखंड में लॉकडाउन 3 जून तक बढ़ाया गया है। राज्‍य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को कुछ रियायतों के साथ एक सप्ताह यानी तीन जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अभी 27 मई की सुबह 6 बजे तक इसके तहत लॉकडाउन प्रभावी था जो कि अब तीन जून की सुबह छह बजे तक प्रभावी होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

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बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्य में पहले से लागू सभी प्रतिबंधों के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह तीन जून तक प्रभावी रहेगा। सरकार ने इस बार कई रियायतें भी दी हैं। इन रियायतों में सबसे बड़ा लाभ कृषि सेक्टर को मिला है। किसानों को बाजार तक अपना उत्पाद लेकर जाने के लिए अब ई-पास की कतई जरूरत नहीं है। इससे किसान अपने उत्पाद, सब्जियां आदि लेकर सीधे बाजार पहुंच सकते हैं। तरबूज आदि स्थानीय उपज से संबंधित किसानों को इससे लाभ मिलेगा।

इस बार लॉकडाउन में ये नियम प्रभावी

  • सभी सरकारी दफ्तर खुलेंगे लेकिन नहीं होगी एक तिहाई से अधिक उपस्थित
  • सब्जी बिक्रताओं, किसानों, मीडिया कर्मियों को अब ई-पास की जरूरत नहीं
  • कोर्ट के कार्य से निकलनेवालों और उद्योगों के कर्मियों को भी मुक्त किया
  • सरकारी कर्मियों, बड़ी कंपनियों, फैक्ट्रियों में काम करने वालों को भी राहत

सरकार के फैसले के अनुसार अब सचिवालय 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ दोपहर दो बजे तक काम करेगा। संयुक्त सचिव स्तर से ऊपर के सभी अधिकारी अनिवार्य रूप से विभाग में आएंगे। मुख्यमंत्री ने चक्रवाती तूफान यास के झारखंड में पड़ने वाले असर व उससे बचाव को लेकर की गई तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया। आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल व सचिव अबुबकर सिद्दिकी मौजूद थे।

अब सभी सरकारी दफ्तर खुलेंगे

राज्य मुख्यालय में फिलहाल गृह विभाग, आपदा प्रबंधन, वन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग जैसे दफ्तर ही खुले हुए थे लेकिन अब सरकार की अधिसूचना के साथ ही सभी सरकारी दफ्तर खुल जाएंगे। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि दफ्तरों में एक तिहाई से अधिक कर्मियों को नहीं बुलाया जाएगा। इस दौरान संयुक्त सचिव के ऊपर स्तर के सभी पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से सचिवालय आना है। 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सचिवालय के विभिन्न विभाग कार्य करेंगे। इसके अलावा ई-पास की अनिवार्यता जारी रहेगी, लेकिन सरकारी कर्मियों, मीडियाकर्मियों तथा बड़ी कंपनियों या फैक्ट्रियों में काम करने वालों का ड्यूटी पास मान्य होगा। इन्हें ई-पास की अनिवार्यता से छूट दी गई है।

चक्रवाती तूफान से निपटने को झारखंड तैयार

मुख्यमंत्री को आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. अमिताभ कौशल ने चक्रवाती तूफान यास का झारखंड में पड़ने वाले असर, बचाव व राहत को लेकर की गई तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है, उसके मुताबिक यह तूफान बुधवार को ओडिशा के तटीय इलाके से टकराएगा। इसका असर झारखंड में भी दिखेगा। इस तूफान से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, गुमला, खूंटी और सिमडेगा के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है। इन इलाकों में 90 किलोमीटर या उससे ज्यादा रफतार से हवा चलने और कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है। इस चक्रवाती तूफान यास का असर 26 व 27 मई को ज्यादा रहेगा, जबकि 28 मई को इसके धीमा होने की संभावना है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत चक्रवाती तूफान से बचाव और राहत को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है। इसके तहत अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं हो इसके लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। पेड़, खंभे और पोल आदि के गिरने से सड़कों पर आवागमन बाधित नहीं हो, इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए पूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। भारी बारिश के कारण कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की काफी आशंका होती है, ऐसे लोगों को रखने के लिए शिविर की व्यवस्था की गई है। भारी बारिश से स्वर्णरेखा नदी के नीचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है, इसलिए इन इलाकों में निगरानी की जा रही है। तेज हवा व बारिश से बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है, इसलिए ऊर्जा विभाग को भी अलर्ट किया गया है।


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