Jharkhand: राेजगार संकट से लोग दे रहे जान, सरकार नहीं दे रही ध्यान
Jharkhand Lockdown News झारखंड में छोटे दुकानदारों से लेकर मॉल संचालकों का व्यवसाय ठप पड़ा है। व्यवसायी और पूंजीपति सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
रांची, [आशीष झा]। Jharkhand Lockdown Effect News खेलगांव में एक भवन निर्माण स्थल पर कुदाल चला रहा बेड़ो का युवक सचिन लॉकडाउन के पहले रांची मेन रोड स्थित रांची सेंट्रल मॉल में एलसिस स्पोर्ट्स का काउंटर संभालते थे। वहां उन्हें वेतन मद में सम्मानजनक राशि मिलती थी। लॉकडाउन के बाद शो-रूम बंद है। इस कारण सचिन की आमदनी बंद है।
सरकार ने उद्योगपतियों से अपील की थी कि संकटकाल में न किसी का वेतन रोका जाय ना ही नौकरी ली जाय, लेकिन इस अपील का असर नहीं के बराबर ही है। सचिन अब किसी तरह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। सचिन ने मेहनत, हिम्मत और संघर्ष का दामन थाम कर कठिन परिस्थितियों में भी जीने-खाने का साधन ढूंढ लिया, लेकिन कई लोग इस तरह की मुश्किलों में टूट जाते हैं।
जमशेदपुर में आर्थिक तंगी से परेशान होकर सैलून संचालक श्याम ठाकुर ने सोनारी गुदड़ी बाजार में अपनी दुकान में ही फांसी लगाकर जान दे दी। कुछ ऐसे ही हालात से पान वाले, रेहड़ी वाले, फुटपाथ के दुकानदार, कारीगर, कामगार और छोटी दुकानों के संचालक और मॉल में आउउटलेट लगाने वाले तथा मॉल व शो-रूम में काम करने वाले लोग जूझ रहे हैं।
जमीनी तौर पर देखें तो झारखंड में अर्थव्यवस्था बहुत खराब दौर से गुजर रही है। उद्योग या तो बंद हो गए हैं या फिर बंद होने की कगार पर हैं। एक बड़ा वर्ग रोजगार से वंचित है। कई लोग इस स्थिति का सामना करने की बजाय जान देने पर उतारू हो गए हैं, लेकिन सरकार सुनने को तैयार ही नहीं। इन लोगों की गुहार है कि सरकार उन्हें भी अब व्यवसाय की अनुमति दे।
कई व्यवसाय व धंधों पर लगी है रोक
लॉकडाउन के बाद से अनलॉक के तीन चरणों में चुन-चुनकर व्यवसायों को बंदिशों से मुक्त किया गया। कुछ व्यवसायों को छूट दी गई तो कुछ पर रोक कायम रही। कुछ खास कारोबार को अभी भी बंद रखा गया है। खास बात यह है कि ऐसे ही कारोबार दूसरे राज्यों में संचालित हो रहे हैं जबकि झारखंड में इन्हें संचालन की अनुमति नहीं दी जा रही है।
मॉल बंद, किराये का मीटर चालू
राज्य में मॉल बंद हैं और इनके अंदर की दुकानों, शो-रूम व व्यावसायिक सेंटरों के लोगों का धंधा चौपट हो गया है। दुकानदारों को दुकानें बंद रखने के बाद भी किराया चुकाना पड़ रहा है, जबकि दुकानों के भीतर रखा सामान पड़े-पड़े खराब हो रहा है। ये व्यवसायी लगातार सरकार से गुहार भी लग
दूसरे राज्यों में व्यवसाय की अनुमति, झारखंड में पाबंदी
झारखंड में कई व्यवसाय ऐसे हैं, जिनपर सरकार ने कोरोना संकट के नाम पर पाबंदी लगा रखी है, जबकि उन्हीं व्यवसायों को अन्य राज्यों में संचालन की अनुमति प्राप्त है। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े-बड़े शो-रूम संचालकों का धैर्य अब टूट रहा है। उनके सामने भरण-पोषण का संकट हो चला है। बस संचालकों और इस व्यवसाय से जुड़े कर्मचारियों का भी बुरा हाल है।
बिहार, बंगाल और अन्य पड़ोसी राज्यों में बसें चल रही हैं, लेकिन झारखंड में इसकी अनुमति नहीं है। इतना ही नहीं बगैर बस चले उनपर टैक्स की देनदारी भी बढ़ रही है। राज्य में सैलून और ब्यूटी पार्लर जस के तस बंद हैं और इसके साथ ही कई अन्य तरह के कारोबार भी बंद हैं।
'जायादातर दुकानदारों और व्यवसायियों ने ऋण ले रखा है। सभी को बैंक की किस्तें जमा करनी हैं और कर्मियों को वेतन मद में भुगतान भी करना है। लोग कुछ दिनों पूर्व तक आर्थिक तौर पर परेशान थे, अब मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। सरकार ही ऐसे लोगों की परेशानी दूर कर सकती है।' -कुणाल आजमानी, अध्यक्ष, झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज।