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Lockdown Extension : बाबूलाल के प्रस्ताव से सांसत में भाजपा, वेतन में कटौती का दिया था प्रस्ताव

बाबूलाल ने राज्य के विधायकों के वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती और दो साल की विधायक निधि की राशि कोरोना से लड़ाई के मद में जारी करने का अनुरोध मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किया था।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 01:52 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 04:22 PM (IST)
Lockdown Extension : बाबूलाल के प्रस्ताव से सांसत में भाजपा, वेतन में कटौती का दिया था प्रस्ताव
Lockdown Extension : बाबूलाल के प्रस्ताव से सांसत में भाजपा, वेतन में कटौती का दिया था प्रस्ताव

रांची, राज्य ब्यूरो। Lockdown Extention केंद्र सरकार की तर्ज पर झारखंड में भी विधायकों के वेतन में कटौती और दो साल तक विधायक निधि की राशि को कोरोना मद में स्थानांतरित करने के भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के प्रस्ताव ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। बाबूलाल ने राज्य के विधायकों के वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती और दो साल की विधायक निधि की राशि कोरोना से लड़ाई के मद में जारी करने का अनुरोध मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से किया था। उन्होंने इस बाबत खुद पहल करते हुए अपने वेतन का 50 प्रतिशत देने के साथ-साथ दो साल तक विधायक निधि की राशि इस मद में स्थानांतरित करने की घोषणा भी की थी। लेकिन, पार्टी फोरम के स्तर से अब तक इस बाबत कोई फैसला नहीं लिया गया है। 

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विधायकों से विमर्श कर लेंगे निर्णय

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि पार्टी के विधायकों से विचार-विमर्श कर ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारे कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि हर मोर्चे पर जूझ रहे हैं। आगे भी इस बाबत सबकी सहमति से निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय के तत्काल बाद बाबूलाल मरांडी ने बयान जारी कर राज्य सरकार पर कुछ इसी तर्ज पर निर्णय लेने को लेकर दबाव बनाया था। बाबूलाल ने मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर इस बाबत पहल करने का अनुरोध भी किया था। उन्होंने सत्तारूढ़ दल के सदस्यों से भी आग्रह किया था कि वे इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री को राजी करें। मरांडी के अनुसार यह कदम राष्ट्रहित में होगा। इधर, भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने बाबूलाल के प्रस्ताव पर कहा कि पार्टी जो भी निर्णय लेगी, उस पर अमल करेंगे। जाहिर है अभी पार्टी ने इस बाबत कोई निर्णय नहीं लिया है। 

विधायक निधि की राशि दो साल तक निलंबित रख सकती है राज्य सरकार

सांसद निधि को अगले दो वर्ष तक निलंबित रखने के केंद्रीय कैबिनेट के फैसले ने राज्य सरकार को संकट की घड़ी में बड़ा हथियार दे दिया है। सूत्रों की मानें तो केंद्र की तर्ज पर झारखंड में भी विधायकों की अगले दो वित्तीय वर्ष की राशि को निलंबित रखा जा सकता है। इस बाबत संवैधानिक राय ली जा रही है। बाबूलाल मरांडी के प्रस्ताव से भी राज्य सरकार को बल मिला है। प्रमुख विपक्षी दल के शीर्ष नेता का प्रस्ताव राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप बताया जा रहा है।  

विधायक निधि से जुटेंगे 648 करोड़ 

केंद्र सरकार के निर्णय के अनुरूप यदि झारखंड में भी विधायक निधि की राशि यदि अगले दो वर्ष तक निलंबित रखी जाए, तो इससे 648 करोड़ रुपये राज्य सरकार की संचित निधि में जाएंगे। इसका उपयोग कोरोना संकट से मुकाबले में किया जा सकता है। बता दें कि झारखंड में विधायकों को प्रत्येक वर्ष चार करोड़ रुपये विधायक निधि के मद में दिए जाते हैं। इसमें एक करोड़ रुपये सिंचाई के लिए व तीन करोड़ अन्य विकास योजनाओं के लिए रखे गए हैं। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक स्वर में इसे बढ़ाकर दस करोड़ करने की मांग की थी। यह प्रस्ताव राज्य सरकार के समक्ष विचाराधीन है।


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