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वाहनों से जुर्माना वसूलने में पिछड़ रहा झारखंड, कर्मियों व अधिकारियों की कमी से राजस्व वसूली में परेशानी

Jharkhand Government News Hindi News झारखंड में 6.2 करोड़ रुपये के करीब वार्षिक राशि व्यय करने के बाद 660 करोड़ रुपये की वसूली होती है। परिवहन विभाग ने इसी आधार पर अधिकारियों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 12:04 PM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 12:33 PM (IST)
वाहनों से जुर्माना वसूलने में पिछड़ रहा झारखंड, कर्मियों व अधिकारियों की कमी से राजस्व वसूली में परेशानी
Jharkhand Government News, Hindi News परिवहन विभाग ने अधिकारियों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। देश के विभिन्न राज्यों की तुलना में झारखंड में वाहनों से हो रही वसूली कहीं कम है। पिछले पांच वर्षों से राजस्व वसूलने में खर्च राशि कुल राजस्व के लिहाज से राष्ट्रीय औसत से कहीं पीछे है। वर्ष 2014-15 में झारखंड में 6.2 करोड़ रुपये के करीब वार्षिक राशि व्यय करने के बाद 660 करोड़ रुपये की वसूली होती है। यह औसत 0.94 के करीब है, जबकि राष्ट्रीय औसत 6.25 है। सरकार के सामने यह समस्या कर्मियों और अधिकारियों की कमी के कारण सामने आ रही है।

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परिवहन विभाग ने इसी आधार पर अधिकारियों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। कैबिनेट की बैठक में एमवीआइ के नए पदों के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। परिवहन विभाग वर्तमान में वाहनों को लाइसेंस, प्रदूषण स्तर की जांच, चालक अनुज्ञप्ति आदि के नाम पर लोगों से जुर्माना वसूलती है।

आयरन ओर के उठाव पर हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट में एनकेपीके की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें खदानों के लीज रद होने के बाद वहां से खनिजों की ढुलाई की अनुमति नहीं दी गई है। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में तीन नवंबर को सुनवाई होगी। इस संबंध में निर्मल कुमार, प्रदीप कुमार ने याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि पश्चिमी सिंहभूम के घाटकुरी माइंस में उन्हें आयरन ओर के खनन का आवंटन लीज पर दिया गया था।

31 मार्च 2020 को सरकार ने लीज रद कर दिया। इसके साथ ही खनिज की ढुलाई और परिवहन पर भी रोक लगा दी गई। अदालत को बताया गया कि जिस समय लीज वैध था, उस समय ही उनकी खदान में करीब दो लाख टन आयरन ओर निकाल कर रखा गया था। चूंकि लीज रद होने के पहले यह खनिज निकाला गया था, इस कारण सरकार को इसकी ढुलाई और परिवहन की अनुमति देनी चाहिए। लीज रद होने के बाद से माइंस में खनन बंद है। इस पर अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई तीन नवंबर को निर्धारित की।


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