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Shravani Mela 2020: बाबा बैद्यनाथधाम व बासुकीनाथ मंदिर खोलने को लेकर 3 को फैसला सुनाएगा हाई कोर्ट

Shravani Mela 2020. वादी का कहना है कि कुछ शर्तों के साथ श्रावणी मेले का आयोजन किया जाए। बिहार सरकार ने कहा कि यह पूरी तरह से झारखंड सरकार का मामला है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 12:09 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:25 AM (IST)
Shravani Mela 2020: बाबा बैद्यनाथधाम व बासुकीनाथ मंदिर खोलने को लेकर 3 को फैसला सुनाएगा हाई कोर्ट
Shravani Mela 2020: बाबा बैद्यनाथधाम व बासुकीनाथ मंदिर खोलने को लेकर 3 को फैसला सुनाएगा हाई कोर्ट

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। देवघर बाबाधाम में पिछले 200 साल से चले आ रहे श्रावणी मेले पर ग्रहण लगता दिख रहा है। राज्‍य सरकार ने इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। कांवर यात्रा सहित बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर व बासुकीनाथ मंदिर को खोलने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट 3 जुलाई को फैसला सुनाएगा। मंगलवार को सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद झारखंड हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। वादी का कहना था कि कुछ शर्तों के साथ श्रावणी मेले का आयोजन किया जाए।

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जबकि सरकार का कहना था कि बड़े पैमाने पर होने वाले इस आयोजन में सामुदायिक रूप से कोरोनावायरस के फैलने का खतरा है। इधर, इस मामले पर बिहार सरकार ने कहा कि यह पूरी तरह से झारखंड सरकार का मामला है। राज्य सरकार ही बताए कि किन शर्तों के साथ कांवर यात्रा सहित अन्य आयोजन की छूट दी सकती है।

बता दें कि झारखंड सरकार ने कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इस वर्ष श्रावणी मेला, कांवर यात्रा सहित बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर व बासुकीनाथ मंदिर को बंद रखने का फैसला लिया है। इसके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ पुरी जगन्‍नाथ यात्रा को मंजूरी दी थी। इसमें कुछ ही लोग शामिल हुए थे। इसी को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। उल्‍लेखनीय है कि श्रावणी मेला में प्रत्‍येक साल सावन महीने में लाखों कांवरिये कांवर लेकर जल अर्पण करने देवघर स्थित बैद्यनाथधाम मंदिर व बासुकीनाथ मंदिर जाते हैं।

यहां देश के विभिन्‍न हिस्‍सों से लोग जल अर्पण करते आते हैं। भारी भीड़ होने के कारण कोरोना के फैलने का खतरा ज्‍यादा है। इसकी तैयारी दो महीने पहले ही शुरू हो जाती है। हालांकि अब इस मेले के आयोजन पर संशय बरकरार है।


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