एनएचएआइ जानबूझ कर लटका रहा रांची-जमशेदपुर फोर लेनिंग: हाई कोर्ट
Jharkhand High Court. रांची जमशेदपुर फोर लेन निर्माण के बचे कार्यों के लिए टेंडर फाइनल नहीं होने पर झारखंड हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने रांची-जमशेदपुर फोर लेन निर्माण के बचे कार्यों के लिए टेंडर फाइनल नहीं होने पर नाराजगी जताई है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जवाब से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस सड़क के निर्माण के लिए एनएचएआइ ही कुछ नहीं करना चाह रही है। जानबूझ कर इस मामले को लटकाया जा रहा है। अदालत ने कहा कि अगर अगली तिथि से पहले बाकी बचे काम की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती है, तो अदालत सख्त रुख अपना सकती है। 14 मार्च तक एनएचएआइ को इस मामले में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करनी है।
इससे पहले एनएचएआइ व सीबीआइ की ओर से हाई कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की गई। एनएच की ओर दाखिल रिपोर्ट में कहा गया कि इस मामले में टेंडर जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक बीड फाइनल नहीं हो पाई है। जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई।
सीबीआइ ने मांगा समय
सीबीआइ की ओर से दाखिल जवाब पर अदालत ने नाराजगी जताई और कहा कि प्रारंभिक जांच के लिए अदालत की ओर से तीन माह का समय दिया गया था, लेकिन अभी भी जांच की बात कही जा रही है। जिस पर इस मामले में जांचकर्ता ने अदालत को बताया कि इस मामले में बहुत सारे दस्तावेज हैं, जिनकी जांच करने में समय लग रहा है। इसलिए उन्हें दिया जाए। जिस पर अदालत ने 14 मार्च तक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
टेंडर रद होने के खिलाफ बैंक व कंपनी पहुंची हाई कोर्ट
रांची-जमशेदपुर फोरलेन का निर्माण करने वाली कंपनी रांची एक्सप्रेसवे के टेंडर को एनएचएआइ ने रद कर दिया है। जिसको कंपनी व बैंक की ओर से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। उनकी ओर से गुरुवार को इस मामले में सुनवाई करने का आग्रह किया गया, लेकिन अदालत ने इस पर अगली तिथि पर सुनवाई का आदेश दिया।