झारखंड हाई कोर्ट ने कहा- रात में भी बजता है लाउडस्पीकर, गहरी नींद में सोए हैं अफसर Ranchi News
Jharkhand High Court ने ध्वनि प्रदूषण के एक मामले में सुनवाई के दौरान रांची उपायुक्त एसडीओ व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य को कड़ी फटकार लगाई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने ध्वनि प्रदूषण के एक मामले में सुनवाई के दौरान रांची उपायुक्त, एसडीओ व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक माह पहले आदेश दिया गया था, लेकिन लगता है कि सारे अधिकारी गहरी नींद में सोए हुए हैं। आदेश का अब तक अनुपालन नहीं किया गया।
अभी भी राजधानी में रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर बजता है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने कानून बनाया है। अधिकारी कोर्ट का आदेश हल्के में लेते हैं, जो सही नहीं है। प्राथमिकता के आधार पर आदेश का अनुपालन कराएं। अदालत ने रांची में नो हॉर्न जोन, आवासीय, व्यावसायिक जोन के लिए जल्द अधिसूचना जारी करने का निर्देश देते हुए जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई नौ अगस्त को होगी।
बंद नहीं कर सकते आंख
अदालत ने कहा कि शहर में रात दस बजे के बाद भी लाउडस्पीकर बजता है। इससे सभी लोगों को परेशानी होती है। हाई कोर्ट के पास लाउडस्पीकर बजने की वजह से कामकाज में परेशानी होती है। जब आप काम कर रहे हों और तेजी से लाउडस्पीकर बजे, तब आपको परेशानी का एहसास होगा। अदालत ने कहा कि आपके पास कई महत्वपूर्ण काम होंगे, लेकिन अदालत के आदेश को उच्च प्राथमिकता में रखें।
आदेश का अनुपालन नहीं होने के मामले में अदालत अपनी आंख बंद नहीं कर सकता है। एक सप्ताह में ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम को लेकर सभी जगहों पर होर्डिंग लगाएं। ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। इसलिए इस पर रोक नहीं लगाई जा सकी है।
अफसरों से पूछे सवाल
सुनवाई के दौरान रांची के उपायुक्त राय महिमापत रे, एसडीओ गरिमा सिंह, एसएसपी अनीश गुप्ता व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी हाई कोर्ट में हाजिर हुए। उपायुक्त से पूछा कि कोर्ट के आदेश पर आपने क्या किया? उन्होंने इससे संबंधित आदेश जारी करने की बात कही। जिसके बाद अदालत ने एसडीओ से पूछा कि डीसी के आदेश पर क्या कदम उठाए गए? प्रतिबंधित क्षेत्र या नियम उल्लंघन करने वाले कोई कार्रवाई की गई है क्या?
जिसपर एसडीओ ने आगे से कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। अदालत ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव से कहा कि रोकथाम की जिम्मेदारी आपकी है। आपने इसको रोकने के लिए क्या किया? तब वो मौजूदा कानून के बारे में अदालत को बताने लगे। जिसके बाद अदालत ने कहा कि उन्हें कानून के बारे में नहीं बताएं। ध्वनि प्रदूषण पर रोक के लिए जल्द कदम उठाएं।
जल्द जारी होगी अधिसूचना : महाधिवक्ता
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अजीत कुमार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करने का अदालत को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इसको लेकर उच्चाधिकारियों से बातचीत की जाएगी और अस्पताल, शिक्षण संस्थान, आवासीय इलाके, व्यवसायिक इलाकों को चिन्हित किया जाएगा। जहां पर ध्वनि प्रदूषण के मानकों के अनुपालन का प्रयास होगा। बता दें कि हाई कोर्ट के पास ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर बजने पर जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
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