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अपहृत को गवाह नहीं बनाने पर डीजीपी हाई कोर्ट में तलब

कोर्ट ने पीड़ित को गवाह नहीं बनाने पर नाराजगी जताई और कहा कि जांच अधिकारी की लापरवाही का फायदा आरोपितों को मिल सकता है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 07:37 PM (IST)
अपहृत को गवाह नहीं बनाने पर डीजीपी हाई कोर्ट में तलब
अपहृत को गवाह नहीं बनाने पर डीजीपी हाई कोर्ट में तलब

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने अपहरण के एक मामले में पीड़ित को गवाह नहीं बनाने पर राज्य के डीजीपी को तलब किया है। जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट ने आरोपित लक्ष्मण सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया है। तीन अक्टूबर को डीजीपी को कोर्ट में हाजिर होना है। दरअसल, हजारीबाग के सदर थाना में जनवरी 2013 में विकास कुमार साव के अपहरण का मामला दर्ज हुआ था।

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इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए फरवरी 2013 में विकास कुमार साव को बरामद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने विकास का बयान दर्ज किया और न्यायालय में भी उसका बयान दर्ज किया गया। जांच अधिकारी ने निचली कोर्ट में सौंपे चार्जशीट में पीड़ित विकास को गवाह ही नहीं बनाया। इस मामले में लक्ष्मण सिंह सहित 11 लोगों को आरोपित बनाया गया है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीड़ित को गवाह नहीं बनाने पर नाराजगी जताई और कहा कि जांच अधिकारी की लापरवाही का फायदा आरोपितों को मिल सकता है। इसके बाद कोर्ट ने डीजीपी को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया। मामले में अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी। गौरतलब है कि लक्ष्मण सिंह ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उक्त आदेश पारित किया है।


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