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सातवीं जेपीएससी परीक्षा में उत्तर गलत होने पर झारखंड हाई कोर्ट ने आयोग से मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट में माडल उत्तर गलत होने का दावा क‍िया गया है। विषयवार विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग की गई है। बुधवार को अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। बताया गया क‍ि अगली सुनवाई तीन सप्‍ताह के बाद होगी। शेखर सुमन ने याचिका दाखिल की है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 08:15 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 08:15 PM (IST)
सातवीं जेपीएससी परीक्षा में उत्तर गलत होने पर झारखंड हाई कोर्ट ने आयोग से मांगा जवाब
झारखंड लोक सेवा आयोग से हाई कोर्ट ने जवाब मांगा। जागरण

राज्य ब्यूरो, रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सातवीं जेपीएससी (झारखंड लोक सेवा आयोग) परीक्षा में माडल उत्तर गलत होने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में जेपीएससी से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में प्रार्थी शेखर सुमन की ओर से याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया कि सातवीं जेपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम एक नवंबर को जारी किया गया है। इसमें कुल आठ प्रश्नों के माडल उत्तर गलत है, इसलिए प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम निरस्त किया जाए।

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जेपीएससी की ओर से अभ्यर्थियों से आपत्ति मांगी गई थी

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद जेपीएससी की ओर से अभ्यर्थियों से आपत्ति भी मांगी गई। प्रार्थी की ओर से पेपर वन के छह और पेपर दो के दो माडल उत्तर को गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज भी जेपीएससी को दिया गया। लेकिन जेपीएससी की ओर से संशोधित परिणाम में उक्त उत्तर में सुधार नहीं किया गया, इसलिए परिणाम को निरस्त किया जाए जाए। इसके अलावा विषयवार विशेषज्ञों की कमेटी बनाने और संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत पर 13 को सुनवाई

उधर, झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में राज्य के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में फिजिकल कोर्ट में सुनवाई करने की बात कहते हुए 13 नवंबर को तिथि निर्धारित की है। एनटीपीसी के विरोध में बड़कागांव गोलीकांड के आरोपित पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई है। उक्त घटना को लेकर बड़कागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एक अक्टूबर 2016 को चिरूडीह खनन के रास्ते पर योगेंद्र साव सहित अन्य की ओर से कफन सत्याग्रह आंदोलन चलाया जा रहा था। इस दौरान पुलिस बल और उनके समर्थकों के बीच झड़प हुई।


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